स्वतंत्र भारत में पहली बार राजवाड़ा में मोहन सरकार का दरबार लगेगा, प्रदेश के विकास के कई अहम निर्णय लेंगे

इंदौर
देवी अहिल्याबाई होलकर ने इंदौर के राजवाड़ा से सुशासन की नींव रखी थी। उनके बाद होलकर वंशजों ने इंदौर सहित होलकर राज्य के विकास के बड़े निर्णय राजवाड़ा के दरबार हाल में हुई बैठकों में लिए। आजादी के पहले जिस राजवाड़ा में दरबार सजा करता था, स्वतंत्र भारत में पहली बार उसी राजवाड़ा में मोहन सरकार का दरबार लगने वाला है। 20 मई को राजवाड़ा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने मंत्रिमंडल के साथ इंदौर सहित प्रदेश के विकास के कई अहम निर्णय लेंगे। कैबिनेट बैठक की तैयारी के लिए गणेश हाल और दरबार हाल को सजाया जा रहा है।

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यशवंतराव तृतीय ने आजादी के पहले की थी यहां बैठक
होलकरकालीन ऐतिहासिक राजवाड़ा में आजादी के पहले यशवंतराव तृतीय ने दरबार हाल में अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ बैठक की थी। उस ऐतिहासिक क्षण का चित्र इंदौर के संग्रहालय में सहेजकर रखा हुआ है। राजवाड़ा के गणेश हॉल में जहां होलकर राजा संगीत कार्यक्रम, रंगपंचमी की गेर, ताजिये का जुलूस व खास मौकों पर बैठक करते थे। अब उसी स्थान पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक होगी। वहीं राजवाड़ा परिसर के प्रथम मंजिल पर दरबार हाल में जहां होलकर महाराज मंत्रियों के साथ अपनी रियासत के अहम मुद्दों पर चर्चा करते थे, वहां मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्रियों का भोज होगा।

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अस्थायी सचिवालय बनेगा
कैबिनेट बैठक के दौरान राजवाड़ा पर अस्थायी सचिवालय की स्थापना की जा रही है, जहां बैठक के संबंध में सभी प्रशासनिक गतिविधियां संचालित होंगी। सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस दल तैनात किए जाएंगे। मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए लाइजनिंग अधिकारी नियुक्त होंगे। शासन की विभिन्न योजनाओं और इंदौर के विकास की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। सामने के गार्डन को भी संवारा जा रहा है।
 
मालवी परंपरा और संस्कृति की दिखेगी झलक
राजवाड़ा को होलकरकालीन पारंपरिक शैली में सजाया जा रहा है। बाहर और भीतर मालवी संस्कृति की झलक दिखाई देगी। मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत-सत्कार मालवी परंपरा से किया जाएगा। बैठक के बाद प्रथम तल पर पारंपरिक मालवी भोज का आयोजन किया गया है, जिसमें स्थानीय व्यंजन विशेष रूप से दाल-बाटी, दही बड़ा, मावा बाटी आदि परोसे जाएंगे।

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