जबलपुर
यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का विनष्टीकरण सफलतापूर्वक पीथमपुर स्थित सुविधा केंद्र में कर दिया गया है। इस संबंध में जबलपुर हाईकोर्ट में सरकार ने एक रिपोर्ट पेश की है। केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) के विशेषज्ञों ने इस काम की निगरानी की। कचरे को जलाने के बाद 850 मीट्रिक टन राख और अवशेष जमा हुए हैं। MPPCB से अनुमति मिलने के बाद इसे एक अलग जगह पर नष्ट किया जाएगा। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की बेंच ने सरकार को यह रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
आलोक प्रभाव सिंह ने 2004 में दायर की थी याचिका
बता दें कि भोपाल निवासी आलोक प्रभाव सिंह ने 2004 में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि भोपाल गैस त्रासदी में 4 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में लगभग 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा हुआ है। याचिका में इस कचरे को नष्ट करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की मृत्यु हो जाने के बाद हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई खुद ही कर रहा है।
ट्रायल के बाद जलाया कचरा
सरकार ने कोर्ट को बताया कि 27 फरवरी से 12 मार्च तक कचरे को जलाने का ट्रायल किया गया था। इस दौरान 30 मीट्रिक टन कचरा जलाया गया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, जहरीले कचरे को 270 किलो प्रति घंटे की दर से जलाकर नष्ट किया गया। 30 जून की रात 1 बजकर 2 मिनट तक यूसीआईएल (UCIL) के 337 मीट्रिक टन कचरे को नष्ट कर दिया गया था। यूसीआईएल से 19.157 मीट्रिक टन अतिरिक्त जहरीला कचरा मिला है। इसे 3 जुलाई 2025 तक नष्ट कर दिया जाएगा।
सरकार ने हाईकोर्ट में सौंपी रिपोर्ट
“हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए, संयंत्र स्थल से जहरीले कचरे को हटाने और संयंत्र से विषाक्त अपशिष्ट के निपटान के लिए राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम किया है।” कचरे को नष्ट करने के लिए कुछ खास इंतजाम किए गए थे।