सिकल सेल प्रबंधन में आयुष दवाइयों का प्रयोग बढ़ायें- राज्यपाल श्री पटेल

भोपाल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल से राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन अंतर्गत आयोजित कार्यशाला में विभिन्न राज्यों से आये स्वास्थ्य विशेषज्ञों के दल ने राजभवन में सौजन्य भेंट की। राज्यपाल श्री पटेल ने सिकल सेल रोग प्रबंधन के लिए आयुष दवाइयों की उपयोगिता पर जोर दिया। उन्होंने रोगियों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उपायों पर चर्चा की। राज्यपाल ने विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर सिकल सेल प्रबंधन में उनके द्वारा अपनाई गई बेस्ट प्रैक्टिसेज को समझा। उन्होंने सिकल सेल रोग के प्रबंधन में मध्यप्रदेश द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन अंतर्गत 2 दिवसीय कार्यशाला 23-24 अक्टूबर को भोपाल के होटल कोर्टयार्ड मैरियट होटल में आयोजित की गई। कार्यशाला में 17 राज्यों के नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और राज्य के विभिन्न उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हुए। अपर सचिव एवं मिशन निदेशक श्रीमती आराधना पटनायक ने भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की। अपर सचिव श्रीमती पटनायक ने रायसेन जिले में स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर, ढकना चखना एवं ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का दौरा किया एवं उनकी कार्यविधि को जाना।

फील्ड विजिट कर समझी सिकल सेल प्रबंधन की कार्यप्रणाली
पहले दिन सिकल सेल रोग के प्रबंधन, स्क्रीनिंग, उपचार और जनजातीय समुदायों में रोग की स्थिति के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने रोग प्रबंधन के वर्तमान तरीकों पर प्रकाश डालते हुए इसमें नवाचार की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया। प्रतिनिधियों ने फील्ड विजिट में सिकल सेल प्रबंधन की कार्यप्रणाली को समझा। बावड़िया कला स्थित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का टीम ने दौरा किया, जहां उन्होंने जनजातीय बच्चों के बीच सिकल सेल स्क्रीनिंग, रोग प्रबंधन और काउंसलिंग प्रक्रिया का अवलोकन किया।

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इसके बाद टीम ने इंदिरा गांधी बाल चिकित्सालय के ब्लड बैंक का दौरा कर ऑटोमेशन, कॉम्पोनेन्ट सेपरेशन और अन्य नवीन तकनीकों का अवलोकन किया। बीएमएचआरसी की विभिन्न यूनिट्स, जैसे सेंटर ऑफ कम्पेटेन्स, इमरजेंसी यूनिट और फिजियोथेरेपी यूनिट का टीम ने भ्रमण किया और सिकल सेल रोग के प्रबंधन में उपयोग की जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। दूसरे दिन, सिकल सेल रोग के उन्मूलन में बोन मैरो ट्रांसप्लांट, जीन थेरेपी और रिसर्च की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए।

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कार्यशाला में अपर सचिव एवं मिशन निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार श्रीमती आराधना पटनायक, संयुक्त सचिव, नीति श्री सौरभ जैन, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री हर्ष मंगला, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग श्री संदीप यादव एवं मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-मध्यप्रदेश श्रीमती प्रियंका दास सहित 6 अन्य राज्यों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक एवं 17 राज्यों से नोडल अधिकारी और प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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