वाशिंगटन
अमेरिका के USCIS दफ्तरों में ग्रीन कार्ड के लिए इंटरव्यू देने वालों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इंटरव्यू देने गए कई लोगों को ओवरस्टे के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक ग्रीन कार्ड आवेदकों के पार्टनर को भी हथकड़ियां पहना दी गईं। एक इमिग्रेशन वकील के मुताबिक दंपती को इंटरव्यू के दौरान ही हिरासतमें ले लिया गया।
इमिग्रेशन वकील सैमन नसेरी ने बताया कि एजेंसियों ने ग्रीन कार्ड के इंटरव्यू के दौरान ही गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि 12 नवंब को इस तरह से पहली गिरफ्तारी की गई थी। इसके बाद चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि अब बहुत सारे लोगों के फोन आ रहे हैं कि उनके जानने वालों को यूएनसीआईएस के ऑफिस में ही गिरफ्तार कर लिया गया है। वकील ने कहा कि जिन लोगों को ग्रीन कार्ड के लिए इंटरव्यू में बुलाया गया है, उन्हें जरूर जाना चाहिए लेकिन साथ ही अलर्ट रहना चाहिए।
वकील ने कहा है कि अगर कोई ग्रीन कार्ड के इंटरव्यू में जाता है तो उसे परिवार से जुड़ी व्यवस्था कर लेनी चाहिए इसके अलावा वकील के संपर्क में भी रहना चाहिए। अगर कोई इंटरव्यू में नहीं जाता है तो उसके मामले को खारिज भी किया जा सकता है।
एक अन्य इमिग्रेशन वकील टेसा कैबरेरा ने बताया कि 2002 में रह रहे उनके एक मैक्सिकन क्लाइंट को साक्षात्कार के दौरान ही अरेस्ट कर लिया गया। उनकी एक अमेरिकी बेटी भी है। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू के बाद दो आईसीई के अधिकारी उनके पास पहुंचे और हथकड़ी लगा दी। इसके बाद उन्हें डिटेंशन सेंटर में बंद कर दिया गया। आईसीई ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की तरफ से उनके खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया गया था।
वकील ने कहा कि जिन भी लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से किसी की भी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है। उनके खिलाफ केवल एक ही बात थी कि वे वीजा खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रह रहे थे। ज्यादातर लोगों ने अमेरिकी नागरिक से शादी कर ली है। ऐसे में ग्रीन कार्ड के लिए इंटरव्यू देना एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।
आईसीई के प्रवक्ता ने कहा कि जो लोग वीजा नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं उनके खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि अमेरिका को सुरक्षित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी की जा रही है और उन्हें कानून के मुताबिक ही देश से बाहर भेजा जाएगा।


