GST का बड़ा तोहफा: घी से लेकर AC-फ्रिज तक 175 चीजें होंगी सस्ती!

नई दिल्ली

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक  शुरू हो चुकी है और कल इस बैठक के तहत लिए गए फैसले का ऐलान होगा, जिसका ब्रेसब्री से इंतजार कंपनियों से लेकर आम आदमी तक को है. क्‍योंकि 15 अगस्‍त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से एक बड़ा ऐलान करते हुए दिवाली पर नए GST रिफॉर्म लाने की बात कही थी. इस ऐलान के बाद जीएसटी परिषद (GST Council) की यह पहली बैठक है. 

जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में कई बड़े ऐलान हो सकते हैं. साथ ही दिवाली पर लागू होने वाले नए GST Reform के तहत दो टैक्‍स स्‍लैब और आम आदमी से जुड़ी चीजें सस्‍ती करने पर मुहर लग सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि दो दिन चलने वाले इस बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने के मुद्दे पर चर्चा होने की उम्‍मीद है, जिसमें डेली यूज के साथ-साथ महंगी वस्‍तुएं भी सस्‍ती होंगी. 

2 स्‍लैब करने पर होगी चर्चा 
केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार, अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब हो सकते हैं. इसमें 28 प्रतिशत वाले स्लैब में आने वाली सभी वस्तुएं, हानिकारक वस्तुओं को छोड़कर, 18 प्रतिशत वाले स्लैब में शामिल हो सकती हैं और 12 प्रतिशत वाले स्लैब की वस्‍तुएं 5 प्रतिशत वाले स्लैब में आ सकती हैं. 40 प्रतिशत का एक और स्लैब होगा, जो 6-7 वस्तुओं पर लगाया जाएगा, जिनमें से ज्‍यादातर हानिकारक और लग्‍जरी वस्‍तुएं होंगी.

ये भी पढ़ें :  सुरक्षा पर बड़ा सवाल: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी जैसलमेर में बिक रही सेना जैसी वर्दियां

भारत में टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आने की तैयारी है। बुधवार, 3 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 56वीं बैठक चल रही है। इस बैठक में 175 से ज्यादा सामानों और सेवाओं पर GST दरें घटाने का प्रस्ताव चर्चा में है। सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर सिर्फ दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) रखने का प्लान है। वहीं, लक्ज़री आइटम्स और ‘सिन गुड्स’ पर 40% का अलग टैक्स स्लैब भी लाने पर विचार हो रहा है।

12-28% स्‍लैब में आने वाली कुछ खास वस्‍तुएं

    घी
    मक्खन
    चीज
    पैक्ड फ्रोजन सब्जि‍यां
    फ्रूट जूस (अधिकतर, नॉन-एरेटेड)
    छाता 
    सोलर वॉटर हीटर
    कृषि उपकरण 
    एयर कंडीशनर
    सीमेंट 
    कार/एसयूवी

हेल्‍थ और इंश्‍योरेंस को जीएसटी से छूट 
मंत्रियों के समूहों का प्रस्‍ताव है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी दायरे से अलग रखना चाहिए. यानी इसपर टैक्‍स नहीं लगाया जाना चाहिए. हालांकि इससे राजस्‍व में गिरावट आएगी. तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क के अनुसार, व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर पूरी छूट से अनुमानित रूप से सालाना 9,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा. 

ये भी पढ़ें :  लोकमाता अहिल्या देवी के सम्मान में महेश्वर में होगी मंत्रि-परिषद की बैठक

क्या हो सकते हैं बड़े बदलाव?

    5% GST स्लैब में आएंगे: टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, रेडी-टू-ईट फूड्स, बटर, चीज़, स्नैक्स और आम कपड़े-खाद्य उत्पाद।

    18% GST स्लैब में: टीवी, AC, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, सीमेंट और ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट (पहले 28% टैक्स लगता था)।

    40% टैक्स स्लैब: लक्ज़री कारें, 350cc से ऊपर की बाइकें, तंबाकू और प्रीमियम प्रोडक्ट्स।

ऑटो सेक्टर पर बड़ा असर

    छोटी कारें और हाइब्रिड गाड़ियां (1200cc तक) पर टैक्स 28% से घटकर 18% हो सकता है।

    ₹20-40 लाख तक की महंगी इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स 5% से बढ़कर 18% हो सकता है।

    दोपहिया वाहनों पर राहत: इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक 28% से घटकर 18% GST की उम्मीद।

    350cc से ऊपर की बाइक (जैसे रॉयल एनफील्ड) पर 40% टैक्स का प्रपोजल, कंपनियों को झटका लग सकता है।

️ आम जनता को क्या मिलेगा फायदा?

    रोजमर्रा की चीज़ें जैसे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और खाने का सामान सस्ता होगा।

    टीवी, AC, वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की कीमत घट सकती है।

    टू-व्हीलर्स और कई कारें सस्ती होंगी।

ये भी पढ़ें :  टीआईटी कॉलेज में हिन्दू छात्रा से गैंगरेप मामले के छठे आरोपी की जमानत याचिका खारिज

    लक्ज़री प्रोडक्ट्स और प्रीमियम इलेक्ट्रिक कारें महंगी हो जाएंगी।

क्यों हो रहे हैं GST रिफॉर्म्स?

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से कहा था कि भारत को नए GST ढांचे की जरूरत है। हाल ही में अमेरिका द्वारा भारत पर 50% इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद यह कदम उपभोक्ताओं की जेब को राहत और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए उठाया जा रहा है।

    SBI रिसर्च का अनुमान: GST सुधारों से अगले 1 साल में GDP में 0.60% की बढ़त हो सकती है।

    खुदरा महंगाई में भी 20-25 बेसिस पॉइंट की गिरावट की उम्मीद।

सरकार को कितना होगा नुकसान?

    टैक्स कटौती और स्लैब घटाने से सरकार को सालाना ₹60,000 करोड़ से ₹1.7 लाख करोड़ तक का नुकसान हो सकता है।

    सरकार इसे GST कम्पनसेशन सेस फंड (₹45,581 करोड़ सरप्लस) और सिन गुड्स पर 40% टैक्स से भरने की योजना बना रही है।

    कम टैक्स से खपत बढ़ने की उम्मीद, जिससे लंबी अवधि में राजस्व फिर बढ़ सकता है।

️ राज्यों को भी मिलेगा सुरक्षा कवच

राज्यों को GST कटौती से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए नया कंपनसेशन मैकेनिज्म बनाने पर भी चर्चा हो रही है।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment