भोपाल में स्वास्थ्य कार्यकर्ता हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का रख रहीं हैं विशेष ध्यान, एनीमिया से ग्रसित

भोपाल

एमपी के भोपाल जिले की 9458 गर्भवर्ती महिलाएं हाई रिस्क पर हैं। इन्हें पूरा पोषण नहीं मिल रहा है। ये एनीमिया समेत अन्य तरह की दिक्कतों से ग्रसित हैं। जिले की महिला एवं बाल विकास की नियमित समीक्षा रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आया है। अगले दो से पांच माह में इनका प्रसव भी होना है। इधर, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इन महिलाओं की नियमित जांच करने को कहा है।

हाईरिस्क की वजह
आयरन और फॉलिक एसिड की कमी: इससे कमजोरी की स्थिति है। इनमें प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स की कमी है। अत्यधिक वजन, पानी की कमी के साथ जीवनशैली और पर्यावरणीय कारणों से को हाइरिस्क की वजह बताया जा रहा है।

बचाव के लिए इन पर फोकस
● नियमित चिकित्सीय जांच की जा रही है। प्रोटीन, आयरन, फॉलिक एसिड, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर आहार देने को कहा जा रहा है।
● साफ-सफाई पर ध्यान देने के साथ दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की सलाह दी रही है। समय पर जरूरी टीकाकरण के निर्देश दिए हैं।

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● 49 हजार 558 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन हुआ।
● 38 हजार 313 का पहला चेकअप हो चुका है।

● 9 हजार 458 महिलाएं हाईरिस्क में हैं

महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से जिले की महिलाओं और शिशुओं को उचित पोषण मिले इस पर काम किया जा रहा है। जहां कुछ कमी है वहां विशेष निगरानी के निर्देश दिए।– कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर

 स्वास्थ्य कार्यकर्ता हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का रख रहीं हैं विशेष ध्यान
हाईरिस्क गर्भवती को आशा कार्यकर्ता श्रीमती सुमन वर्मा के साथ होने पर सब ठीक होने का भरोसा, आशा के साथ ही आई स्वास्थ्य केंद्र
गर्भवती महिलाओं को मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा हाईरिस्क के मानकों के अनुसार चिन्हित किया जाता है । ये स्वास्थ्य कार्यकर्ता गर्भावस्था के दौरान महिला की जांच एवं देखभाल में सहयोग करते हैं । साथ ही प्रसव के पश्चात मां और नवजात की देखभाल भी करते हैं।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का हितग्राहियों के साथ जुड़ाव और हितग्राहियों का उनके प्रति विश्वास का उदाहरण एक बार फिर उस समय देखने को मिला, जब गर्भवती महिला, आशा कार्यकर्ता के  साथ होने पर ही जांच करवाने को जाने के लिए तैयार हुई। दीक्षा नगर बागमुगलिया निवासी गर्भवती महिला को   शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुलाबी नगर में आयोजित विस्तारित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में जांच करवाने हेतु मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा चिन्हित किया गया था। महिला का वजन कम होने और पूर्व में गर्भपात होने के कारण उसे हाईरिस्क श्रेणी में शामिल किया गया था । वार्ड क्रमांक 55 की आशा कार्यकर्ता श्रीमती सुमन वर्मा ने महिला को जांच करवाने के लिए मोबिलाइज किया था, किंतु महिला अन्य किसी के साथ जाकर जांच करवाने के लिए तैयार नहीं हुई। महिला को प्रसव पंजीयन के समय से ही आशा कार्यकर्ता द्वारा देखभाल एवं सलाह दी जा रही है। नियमित संपर्क और देखभाल के कारण महिला को ये भरोसा पैदा हुआ कि आशा कार्यकर्ता के साथ होने पर उसे और उसके बच्चे को कोई भी समस्या नहीं होगी। महिला के इस विश्वास को देखते हुए आशा कार्यकर्ता ने उसे अपने ही वाहन से लाकर उसकी जांच करवाई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी

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