‘वंदे भारत’ और ‘शताब्दी’ में इमरजेंसी कोटे की डिमांड कम, इन 3 ट्रेनों में सबसे अधिक

ग्वालियर
हाई स्पीड वंदे भारत, शताब्दी, राजधानी जैसी ट्रेनें ग्वालियर से निकलती हैं लेकिन इन ट्रेनों से ज्यादा इमरजेंसी कोटे की डिमांड बरौनी मेल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस और रतलाम इंटरसिटी में रहती है। ऐसा कोई दिन नहीं होता, जब इसमें सीट पाने के लिए आवेदन नहीं किया जाता हो। हालात यह है कि ग्वालियर से चलने वाली ट्रेनों में लंबी वेटिंग होने के बाद इमरजेंसी कोटे का सहारा लेना पड़ रहा है।

झांसी मण्डल से गुजरने वाली 143 ट्रेन में इमरजेंसी कोटा प्रदान किया गया है। इस कोटे की बर्थ सांसद, विधायक, रेल अधिकारियों व अन्य वीआईपी को उपलब्ध कराई जाती है। अधिकांश ट्रेनों में स्लीपर और एसी का अलग- अलग इमरजेंसी कोटा फिक्स है। उसी के आधार पर रेलवे यह कोटा देती है।

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ग्वालियर से चलने वाली बरौनी, बुंदेलखंड और रतलाम इंटरसिटी में अधिक भीड़ होने की वजह से इमरजेंसी कोटे की डिमांड भी ज्यादा आती है। हालात यह हो जाते हैं कि कभी- कभी सीट से ज्यादा कोटे आ जाते हैं। वहीं वंदे भारत, शताब्दी आदि ट्रेनों में यात्रियों के कोटे इतने नहीं आते हैं।- अमन वर्मा, सीनियर डीसीएम झांसी

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ग्वालियर से बरौनी जाने वाली बरौनी मेल, रतलाम जाने वाली रतलाम इंटरसिटी और बनारस के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस एक मात्र सीधी ट्रेनें हैं। इसमें से बरौनी मेल बिहार से होकर हावड़ा तक पहुंचती है। इसमें सबसे ज्यादा भीड़ छठ पूजा के दौरान होती है लेकिन दीपावली से काफी पहले ही यह ट्रेन फुल हो जाती है। इसे देखते हुए इस क्षेत्र में स्पेशल ट्रेन को भी चलाया जाता है। उसके बावजूद भी यात्रियों को जगह नहीं मिल पाती है।

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वंदे भारत, शताब्दी में आसानी से मिलती है सीट
ग्वालियर से निकलने वाली वंदे भारत, शताब्दी और अन्य ट्रेनों में यात्री को आसानी से टिकट मिल जाता है। इन ट्रेनों में अगर वेटिंग भी होती है तो अक्सर वह वेटिंग भी कंफर्म हो जाती है। लेकिन ग्वालियर से चलते वाली ट्रेनों में काफी बुरा हाल है।

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