कुश्ती को दो साल से बाधित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण : बृजभूषण शरण सिंह

गोंडा
भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया द्वारा ‘भारतीय कुश्ती संघ’ (डब्ल्यूएफआई) के प्रबंधन और नियंत्रण संबंधी याचिका कोर्ट में दायर की गई है। इसको लेकर ‘डब्ल्यूएफआई’ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।

बजरंग पूनिया द्वारा दायर याचिका को लेकर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि यह कुश्ती का दुर्भाग्य है और दो साल से ये लोग लगातार कुश्ती को बाधित कर रहे हैं। जब ये लोग धरने पर बैठे तो बोल रहे थे कि कुश्ती को बचाने के लिए धरना कर रहे हैं। अब यह लगातार देखने को मिल रहा है कि ये लोग कोई ना कोई याचिका हाईकोर्ट में डालते हैं और खेल को रोकने की बात करते हैं।

ये भी पढ़ें :  कांग्रेस के 'खटाखट स्कीम' का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से करारा जवाब, अब मजदूरों को हर महीने मिलेंगे 26,000

उन्होंने आगे कहा कि अभी बजरंग पूनिया की तरफ से याचिका डाली गई, उसके पहले सत्यव्रत की तरफ याचिका डाली गई थी। जिस टीम ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लिया था और लड़के मेडल लेकर आए, उस टीम को सत्यव्रत के माध्यम से याचिका डालकर रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन रास्ता निकाला गया और वर्ल्ड चैंपियनशिप में टीम गई और कई बच्चे मेडल लाए।

ये भी पढ़ें :  माँ भारती के वीरों को मिली बहुत बड़ी सफलता, छत्तीसगढ़ में 14 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए, अभी भी जारी है सर्चिंग ऑपरेशन

बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा कि अब नेशनल गेम होना है, जो एक सतत प्रक्रिया है। जो भी बच्चे नेशनल में भाग लेते हैं, उसका सर्टिफिकेट उनको नौकरी में भी काम आता है। करीब 700 से 800 बच्चे इसमें भाग लेते हैं, जो राष्ट्रीय खिलाड़ी कहे जाते हैं। इसको रोकने के लिए उनकी तरफ से एक याचिका दाखिल की गई कि जो वर्तमान कमेटी है, जिसके अध्यक्ष संजय सिंह हैं, वो नेशनल नहीं करा सकते।

उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठन यूडब्ल्यूडब्ल्यू सरकार के हस्तक्षेप को नहीं मानता है, वो फेडरेशन को मानता है। फेडरेशन ही नेशनल और ट्रायल करा सकती है। वे लोग इसको लेकर हाईकोर्ट में गए। कोर्ट ने उनको अगले महीने की तारीख दे दी और प्रतिबंध नहीं लगाया। ऐसे में इन लोगों ने हमेशा कुश्ती को रोकने का प्रयास किया। जबकि दो साल से लड़कों और लड़कियों के कैंप नहीं चल रहे हैं, उनको इसके लिए प्रयास करना चाहिए। ये ऐसी हरकत करके पूरे देश की कुश्ती को खत्म करना चाहते हैं।

ये भी पढ़ें :  2040 तक 1 ट्रिलियन डॉलर पहुंचेगा भारत का केमिकल सेक्टर: नीति आयोग का अनुमान

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment