नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने देश के अगले प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान सीजेआई बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में अगले सीजेआई को चुने जाने की प्रक्रिया महीनेभर पहले शुरू कर दी जाती है। सीजेआई गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज जस्टिस सूर्यकांत अगले सीजेआई बनने जा रहे हैं। प्रक्रिया और नियम के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति, ट्रांसफर और प्रमोशन के नियम को निर्धारित करने वाले डॉक्युमेंट्स में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में भारत के सीजेआई के पद पर नियुक्ति उस अदालत के सबसे वरिष्ठ जज की होनी चाहिए, जिन्हें पद धारण के लिए सबसे उपयुक्त समझा जाए। ऐसे में केंद्रीय कानून मंत्री वर्तमान सीजेआई से उनके उत्तराधिकारी के लिए उनकी सिफारिश मांगेंगे।
हरियाणा के मिडिल क्लास में लिया जन्म
हरियाणा के हिसार के एक मिडिल क्लास परिवार में 10 फरवरी, 1962 को जस्टिस सूर्यकांत का जन्म हुआ था। वह अभी सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई गवई के बाद सबसे सीनियर जज हैं। उन्होंने 1981 में गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, हिसार से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद 1984 में रोहतक की महार्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से लॉ की बैचलर डिग्री हासिल की। उन्होंने उसी साल 1984 में ही हिसार के जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू कर दी। बाद में 1985 में वे पंजाब एवं हरियाणा हाइ्र कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ शिफ्ट हो गए।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के भी चीफ जस्टिस रहे
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत कॉन्स्टिट्यूशनल, सर्विस और सिविल मामलों में स्पेशलाइज्ड हैं। कई यूनिवर्सिटी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक और खुद हाई कोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया है। सात जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल नियुक्त किए गए। मार्च 2001 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। इसके बाद, 9 जनवरी 2004 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने तक हरियाणा के एडवोकेट जनरल के पद पर रहे। 22 फरवरी 2011 तक लगातार दो कार्यकालों के लिए 23 फरवरी 2007 को राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के शासी निकाय के सदस्य के रूप में चुना गया। पांच अक्टूबर, 2018 से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने। इसके बाद, 24 मई, 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट हुए। वे 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।


