महुआ मोइत्रा पर कल्याण बनर्जी का हमला, TMC में बढ़ी रार

कोलकाता 
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दो नेता इन दिनों आमने-सामने हैं। लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी पार्टी की अन्य सांसद महुआ मोइत्रा पर हमलावर हैं। बनर्जी ने मोइत्रा को समय की बर्बादी कह दिया है। इसके अलावा, निम्नस्तरीय कहकर भी दोनों के बीच पहले से चला आ रहा विवाद बढ़ा दिया है। हाल ही में कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में टीएमसी के चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दिया है। चार बार के सांसद कल्याण बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, ''वह (महुआ मोइत्रा) मेरे लिए विषय नहीं है। वह बहुत ही घटिया स्तर की हैं। उनके बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है। उनकी वजह से मैं कई लोगों के लिए बुरा बन गया हूं। यह समय की बर्बादी थी, मैंने अपनी ताकत बर्बाद की। वह मेरे ध्यान के लायक नहीं। मेरी गलती थी कि मैंने उन पर ध्यान दिया।''

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उन्होंने आगे कहा कि मेरे एक जूनियर वकील भाई ने मुझे मैसेज किया था। उससे मुझे अहसास हुआ कि महुआ मोइत्रा मेरे लिए विषय नहीं हैं। मुझे अभी बहुत काम करना है। कल्याण और महुआ मोइत्रा के बीच लंबे समय से पर्दे के पीछे खींचतान चल रही थी, लेकिन हालिया तनाव की शुरुआत श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने से हुई। उन्होंने 2023 का आठ मिनट पुराना एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह "प्रश्न के बदले नकद" मामले में आचार समिति की कार्यवाही के दौरान लोकसभा में महुआ का बचाव करते दिखाई दे रहे हैं। इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात यह थी कि कल्याण ने न सिर्फ़ महुआ और अपनी पार्टी को, बल्कि आधिकारिक भाजपा हैंडल और कांग्रेस को भी टैग किया। पार्टी नेताओं ने इसे ‘हद पार करने’ जैसा माना है।

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इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मंगलवार को वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी का लोकसभा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उनके उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा कर दी। इससे पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के मुखर सांसदों पर लगाम लगाने और असंतुष्टों को चेतावनी देने के संकल्प का संकेत मिलता है।

इस बात का स्पष्ट संकेत देते हुए कि असहमति और अवज्ञा बर्दाश्त नहीं की जाएगी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने न केवल कल्याण बनर्जी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया, बल्कि एक महत्वपूर्ण फेरबदल भी शुरू कर दिया, जिसमें काकोली घोष दस्तीदार को नया मुख्य सचेतक और शताब्दी रॉय को लोकसभा में उपनेता नियुक्त किया गया।

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कल्याण के इस्तीफा देने के बमुश्किल 24 घंटे बाद हुए नेतृत्व परिवर्तन से इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि ममता बनर्जी पार्टी के भीतर अनुशासन बहाल करने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह उन सभी लोगों के लिए एक संदेश है जो खुद को पार्टी से बड़ा समझते हैं। एक कड़ा संदेश देने की जरूरत थी।’’ तृणमूल कांग्रेस ने अपने संसदीय नेतृत्व में बड़े फेरबदल के तहत सोमवार को पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में अपना नया नेता नियुक्त किया। वह वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की जगह लेंगे, जो कई महीनों से अस्वस्थ हैं।

 

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