मध्य प्रदेश भाजपा को मिला नया नेतृत्व, हेमंत खंडेलवाल को सौंपी गई कमान

भोपाल
मध्य प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष का भी ऐलान हो गया है। इस बार एमपी भाजपा की कमान हेमंत खंडेलवाल को दी गई है। इसकी औपचारिक घोषणा बुधवार को की जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव, वर्तमान के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम बड़े नेताओं ने उनके नाम का नामांकन पत्र दिया था। इस तरह बैतुल से विधायक खंडेलवाल को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया है। हेमंत खंडेलवाल उत्तर प्रदेश के मथुरा में जन्मे हैं। पेशे से व्यवसायी और नेता रहे खंडेलवाल ने बी कॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है। साल 2008-09 में पिता विजय खंडेलवाल की मौत होने के बाद हुए उपचुनाव में सांसद बने थे। इसके बाद 2013 से 2018 तक बैतुल से विधायक भी रहे। साल 2023 में फिर से एमएलए का चुनाव लड़ा और बैतुल से विधायकी अपने नाम की।

सीएम मोहन हाथ पकड़कर मंच पर ले गए 
हेमंत खंडेलवाल ने सबसे पहले अपना नामांकन जमा किया, उसके बाद सीएम मोहन यादव उन्हें हाथ पकड़कर मंच पर ले गए। वहीं डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल के साथ-साथ वीडी शर्मा भी उनके प्रस्तावक बने। हेमंत खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विवेक शेजवलकर और सरोज पांडे के सामने अपना नामांकन दाखिल किया है। कल विधिवत उनके नाम का औपचारिक रूप से ऐलान कर दिया जाएगा। हेमंत खंडेलवाल बैतूल से बीजेपी के विधायक हैं।

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पार्टी ने सर्वसम्मति से हेमंत खंडेलवाल को प्रदेशाध्यक्ष चुन लिया
शाम 4.30 बजे से 6.30 बजे तक का समय नामांकन जमा करने के लिए निर्धारित था। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार स्क्रूटनी के बाद रात 8 बजे तक नामांकन की वापसी और 8.30 बजे प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी करना तय है। एक से ज्यादा नामांकन जमा होने की स्थिति में बुधवार सुबह 11 से 2 बजे तक मतदान किया जाना है। हालांकि इसकी नौबत ही नहीं आएगी, पार्टी ने सर्वसम्मति से हेमंत खंडेलवाल को प्रदेशाध्यक्ष चुन लिया है। यानि वे निर्विरोध चुने गए हैं।
नए अध्यक्ष के रूप में बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल के नाम पर सीएम मोहन यादव समेत प्रदेश के अधिकांश वरिष्ठ नेता सहमत थे। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने पहले ही रायशुमारी कर उनके नाम पर सहमति बना ली थी। 

खंडेलवाल पहली पंक्ति में मंत्री वीरेंद्र खटीक और गोपाल भार्गव के बीच में बैठे थे। सीएम मोहन यादव इशारा मिलते ही उनको पीठ पर हाथ रखकर मंच की ओर बढ़े। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, निर्वाचन अधिकारी विवेक शेजवलकर और पर्यवेक्षक सरोज पांडे के सामने उन्होंने नामांकन दाखिल कराया।

हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक सफर 
    हेमंत खंडेलवाल मध्य प्रदेश में बीजेपी और आरएसएस से जुडे़ हैं।
    2008 के उपचुनाव में पहली बार बैतूल से लोकसभा सांसद चुने गए थे।
    2013 के विधानसभा चुनाव में बैतूल से विधायक चुने गए थे। 
    बैतूल में बीजेपी के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
    मध्य प्रदेश बीजेपी के कोष्याध्यक्ष भी रह चुके हैं।
    हेमंत खंडेलवाल 2023 के विधानसभा चुनाव में दूसरी बार बैतूल से विधायक चुने गए हैं।

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मालवा-निमाड़ से 8 बार बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बने
मालवा-निमाड़ क्षेत्र से भाजपा ने सबसे ज्यादा 8 बार संगठन को नेतृत्व दिया। भाजपा के पहले प्रदेशाध्यक्ष रहे सुंदरलाल पटवा (सामान्य) मंदसौर के थे। इस पद पर वे दो बार रहे। पहली बार 1980 से 1983 तक और दूसरी बार 1986 से 1990 तक। इसके बाद रतलाम के लक्ष्मीनारायण पाण्डे (सामान्य) 1994 से 1997 तके प्रदेशाध्यक्ष रहे।मालवा क्षेत्र से धार के विक्रम वर्मा (ओबीसी) 2000 से 2002 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। इसी तरह देवास से पूर्व सीएम कैलाश जोशी (सामान्य) ने 2002 से 2005 तक संगठन का नेतृत्व किया। उज्जैन के सत्यनारायण जटिया (एससी) फरवरी 2006 से नवंबर 2006 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। खंडवा सांसद रहे नंदकुमार सिंह चौहान (सामान्य) इस पद पर 2016 से 2018 तक रहे।

ग्वालियर-चंबल से 4 बार प्रदेशाध्यक्ष चुने गए 
ग्वालियर-चंबल से संगठन को 4 बार नेतृत्व मिला। नरेंद्र सिंह तोमर (सामान्य) को दो बार कमान सौंपी गई। पहली बार वे 2006 से 2010 तक और दूसरी बार 2012 से 2014 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2014 में वो मोदी कैबिनेट में शामिल हुए। इसके बाद कमान प्रभात झा (सामान्य) को मिली, वे 2010 से 2013 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (सामान्य) भी चंबल से हैं। उन्हें 2020 में संगठन की कमान सौंपी गई थी। महाकौशल क्षेत्र से दो बार संगठन को नेतृत्व मिला इसी तरह महाकौशल क्षेत्र से दो बार प्रदेशाध्यक्ष मिला। पहली बार शिवप्रसाद चनपुरिया (सामान्य) 1985 से 1986 से तक अध्यक्ष रहे। दूसरी बार राकेश सिंह (सामान्य) को मौका मिला। वे 2018 से 2020 तक संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रहे। वर्तमान में राकेश सिंह पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं।

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मध्य क्षेत्र से शिवराज के बाद हेमंत दूसरे नेता मध्य क्षेत्र से दूसरी बार किसी नेता को प्रदेश भाजपा संगठन के नेतृत्व का मौका मिला है। हेमंत खंडेलवाल (सामान्य) शिवराज के बाद दूसरे नेता हैं। प्रदेश का सीएम बनने से पहले शिवराज सिंह चौहान (ओबीसी) मई 2005 से फरवरी 2006 तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे। छत्तीसगढ़ के दो नेता भी एमपी संगठन की कमान संभाल चुके अविभाजित मध्य प्रदेश के समय छत्तीसगढ़ के दो नेता भी एमपी भाजपा अध्यक्ष रहे। रायगढ़ से लखीराम अग्रवाल (सामान्य) ने 1990 से 1994 तक और नंदकुमार साय (एसटी) ने 1997 से 2000 तक प्रदेश संगठन की कमान संभाली थी।

 

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