Mahashivratri 2023 : महाशिवरात्रि पर बन रहा त्रिग्रही योग, जानें दिनभर के शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री व विधि

 

अध्यात्म डेस्क, न्यूज राइटर, 17 फ़रवरी, 2023

महाशिवरात्रि पर इस बार भोलेनाथ के शीश पर विराजित चंद्रमा, ग्रहों के राजा सूर्य व न्याय के देवता शनि के साथ त्रिग्रही योग बना रहे हैं। इसके साथ ही शश, हंस एवं मालव्य योग का संयोग भी इस बार बन रहा है। वहीं भक्तों को शनि प्रदोष व्रत रखने का भी मौका मिलेगा। एक साथ बन रहे इतने योग संयोग काफी शुभ मान हैं।

महाशिवरात्रि पर अबकी बार एक नहीं कई दुर्लभ महासंयोग बने हैं जो इस बात का संकेत है कि भोलेनाथ अपने भक्तों पर अपनी कृपा की खूब वर्षा करने वाले हैं। दरअसल अबकी बार महाशिवरात्रि शनिवार को होने से जहां शनि प्रदोष का संयोग बना है। इस महाशिवरात्रि पर मध्यरात्रि में भगवान शिव के सिर पर विराजित चंद्रमा कुंभ राशि में आकर शनि और सूर्य के साथ मिलकर भोलेनाथ के माथे पर विराजित त्रिपुंड चंदन जैसा त्रिग्रही योग बनाएंगा।

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महाशिवरात्रि पर इस योग का बनना बेहद दुर्लभ संयोग माना जाता है। इसके साथ ही इस बार महाशिवरात्रि पर शनि स्वराशि के होकर शश योग, गुरु मीन राशि में होकर हंस योग, शुक्र उच्च राशि के होकर मालव्य योग बनाएंगे।

पूजा में इन चीजों का करें प्रयोग
सुगंधित पुष्प, बिल्वपत्र, धतूरा, भाँग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, पंच फल पंच मेवा, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री।

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शिव पूजा में इन बातों का रखें ध्यान
पूजा करते वक्त मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ हो। कुंद, केतकी और कैंथ के फूल न चढ़ाएं।शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाने के बाद उसे न पिएं, सिर, आंखों पर लगा सकते हैं। पूजा के बाद शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करें।

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दिनभर में पूजा के शुभ मुहूर्त
सुबह 09:43 से 11:10 तक
दोपहर 02:02 से 03:30 तक
दोपहर 03:30 से शाम 04:39 तक पहले प्रहर की पूजा – शाम 06:22 से रात 09:28 तक

भोलेनाथ की प्रहर पूजा का समय
दूसरे प्रहर की पूजा – रात 09:28 से 12:35 तक
तीसरे प्रहर की पूजा – रात 12:35 से 03:41तक
चौथे प्रहर की पूजा – रात 03:41 से अगले दिन सुबह 06:48 तक

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