मुरैना
कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने ऐसा कदम उठाया, जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र में हलचल मचा दी है. बिल्कुल फिल्म नायक की तरह, कलेक्ट्रेट से ही वीडियो कॉल के जरिए पंचायत भवनों की लाइव उपस्थिति चेकिंग शुरू की गई. सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक मुख्यालय पर अनुपस्थित रहने पर 8 पटवारी और 4 सचिव सहित 13 शासकीय कर्मचारियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया.
अनुपस्थित रहने पर 13 सरकारी कर्मचारियों पर गिरी गाज
कलेक्टर द्वारा सभी कर्मचारी को समय पर मुख्यालय पर मौजूद रहने के निर्देश दिए गए थे, इसके बावजूद सरकारी कर्मचारी समय पर मुख्यालय नहीं पहुंच रहे थे. जिसके बाद सोमवार को जिला अधिकारी ने कर्मचारियों को वीडियो कॉल किये, जिसमें 8 पटवारी और 5 सचिव सहित कुल 13 लोग मुख्यालय पर मौजूद नहीं थे. कलेक्टर ने बिना कोई बहाना सुने 13 सरकारी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर दिया. साथ ही विकासखंड मुख्यालय पर अटैच करने के निर्देश भी जारी किए. इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
दोपहर तक नहीं पहुंचे पंचायत भवन
मुरैना में प्रशासनिक मोर्चे पर ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने सभी को अनिल कपूर की फिल्म 'नायक' की याद दिला दी. कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में से ही पंचायत भवनों पर अचानक वीडियो कॉलिंग के द्वारा उपस्थिति चेकिंग शुरू कर दी. एक-एक कर कई कर्मचारियों को कॉल लगाया. इस दौरान कई कर्मचारी पंचायत भवन पर अनुपस्थि पाए गए. जिससे कलेक्टर पूरी तरह नायक मोड में आ गए. उन्होंने तत्काल 13 को सस्पेंड के आदेश सुना दिए. इस कार्रवाई से जिलेभर में हड़कंप मचा हुआ है.
निजी कामों में व्यस्त पाए गए कर्मचारी
जानकारी के अनुसार, कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने सरकारी योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पटवारियों को प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक पंचायत भवन में बैठकर ग्रामीणों की समस्याएं हल करने के निर्देश दिए हैं. इसी प्रकार पंचायत सचिव/जीआरएस को सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक पंचायत भवन में बैठकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर उनका समाधान करने के निर्देश दिये हैं.
जनता के काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
कर्मचारी उनके आदेश का अनुपालन ठीक तरह से कर रहे है या नहीं, इसकी वस्तुस्थिति जानने के लिए सोमवार की दोपहर उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनपद सीईओ और तहसीलदारों की बैठक ली. इस बैठक में उन्होंने सीईओ व तहसीलदारों के जरिये पटवारी और पंचायत सचिव/जीआरएस से वीडियो कॉन्फ्रेंस के से बातचीत की. बातचीत के दौरान पता चला कि कार्यालय समय में कोई पटवारी अपने घर के निजी कार्यों में व्यस्त हैं, तो कोई बाजार में खरीददारी कर रहा है. ऐसी ही स्थिति पंचायत सचिव-जीआरएस की पाई गई.
कलेक्टर लोकेश कुमार ने बताया कि "वीडियो कॉल के माध्यम से पटवारी और सचिवों की लोकेशन चेक किया था, क्योंकि उनको पंचायत भवन पर बैठकर ग्रामीणों की समस्या समाधान के निर्देश दिए गए थे, लेकिन 13 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है."
निलंबन सूची में शामिल पटवारियों के नाम
सुजान सिंह गुर्जर (बानमौर)
समल मनोरथ पाठक (पोरसा)
अजय गुर्जर (मुरैना ग्रामीण)
शिवराज तोमर (मुरैना शहर)
मयंक यादव (अंबाह)
सोनू जादौन (सबलगढ़)
दुर्गेश शर्मा (कैलारस)
संजीव तिवारी (जौरा)
निलंबित पंचायत सचिव/जीआरएस
नरेश सिंह तोमर, ग्राम पंचायत कोटरा
हाकिम जाटव, ग्राम पंचायत बर्रेड
सौरभ सिकरवार, जीआरएस (ग्रामीण संसाधन सहायक)
रामरूप कुशवाह, ग्राम पंचायत सुनावली
नरेश, ग्राम पंचायत ककरारी


