भोपाल
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर शौर्य फाउंडेशन, भोपाल ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के वीर जवानों को समर्पित एक विशेष कार्यक्रम “बहनों की राखी सरहद के रखवालों के नाम” का आयोजन बीएसएफ, भोपाल परिसर में बड़े उत्साह और गरिमामय वातावरण में किया। यह भावनाओं और देशभक्ति से ओतप्रोत आयोजन सभी के लिए अविस्मरणीय रहा। कार्यक्रम में 50 से अधिक बीएसएफ जवानों ने भाग लिया, जबकि 30 से अधिक बहनों ने इन वीर सपूतों की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें मिठाई खिलाई।
कार्यक्रम की शुरुआत में शौर्य फाउंडेशन के सचिव अभिषेक खरे ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बीएसएफ की शौर्यगाथाओं, सेना और बीएसएफ के कार्यों में अंतर, तथा वीरतापूर्ण किस्सों पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही, सीमा पर तैनात जवानों के त्याग, समर्पण और अनुशासन से जुड़े प्रेरक प्रसंग भी साझा किए, जिससे उपस्थित जनसमूह गर्व और भावुकता से भर गया।
इसके पश्चात निनाद म्यूजिकल एवं सांस्कृतिक विकास समिति की प्रमुख गायिका अर्चना खरे और उनके समूह के कलाकारों ने देशभक्ति गीतों की मधुर प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में बीएसएफ जवानों ने भी अपने सुरीले स्वर में गीत प्रस्तुत कर माहौल को और अधिक उत्साहपूर्ण बना दिया। पूरे वातावरण में देशप्रेम और जोश की गूंज छा गई।
कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण वह था जब बहनों ने बीएसएफ जवानों की कलाई पर राखी बांधी और मिठाई खिलाकर अपने स्नेह व सम्मान को व्यक्त किया। यह दृश्य सभी के हृदय को गहराई से स्पर्श कर गया।
बीएसएफ के कमांडेंट श्री प्रभात चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में बीएसएफ के कार्यों, उनकी कार्यप्रणाली और “ऑपरेशन सिंदूर” में उनकी अहम भागीदारी का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने जवानों की वीरता, अनुशासन और बलिदान की प्रेरक कहानियां सुनाकर सभी के मन में गर्व और सम्मान की भावना को और प्रगाढ़ कर दिया।
शौर्य फाउंडेशन के अध्यक्ष अंशुमन खरे ने कहा कि यह आयोजन बहनों और सरहद के जवानों के बीच अटूट रिश्ते और गहरे भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। इस अवसर पर सैय्यद नसर, ललित खरे सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे और कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
कार्यक्रम के प्रायोजक रहे — तन-मन डिटर्जेंट, मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी, LNCT यूनिवर्सिटी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया।
रक्षाबंधन के इस अवसर पर शौर्य फाउंडेशन ने यह संदेश दिया कि देश की रक्षा करने वाले जवान केवल सीमाओं के प्रहरी ही नहीं, बल्कि हर बहन के सच्चे और निस्वार्थ भाई भी हैं।