NDA उपराष्ट्रपति उम्मीदवार राधाकृष्णन ने की पीएम मोदी से भेंट

नई दिल्ली 
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह मुलाकात सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन द्वारा उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के एक दिन बाद हुई. वह एनडीए की विभिन्न बैठकों में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे और कई नेताओं से मुलाकात की. मुलाकात के तुरंत बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सी. पी. राधाकृष्णन जी से मुलाकात की. एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्हें शुभकामनाएं दीं. जनसेवा के लंबे अनुभव और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता हमारे देश को समृद्ध बनाएगी. वह पहले की तरह ही समर्पण और दृढ़ निश्चय के साथ देश की सेवा करते रहें.’’ राधाकृष्णन 20 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक में उन्हें सम्मानित किए जाने की उम्मीद है.

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इससे पहले सोमवार को नई दिल्ली पहुंचने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल और एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का केंद्रीय मंत्री किरेन रीजिजू, राम मोहन नायडू. प्रह्लाद जोशी के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व अन्य ने स्वागत किया. चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन वर्तमान में 31 जुलाई, 2024 से महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं. इससे पहले उन्होंने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था. उन्होंने मार्च और जुलाई 2024 के बीच तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था.

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वरिष्ठ भाजपा नेता राधाकृष्णन कोयम्बटूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए तथा इससे पहले तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कांग्रेस ने एनडीए द्वारा सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की आलोचना की है और उन्हें "एक और आरएसएस का आदमी" कहा है. बता दें कि उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, हालांकि, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद यह पद रिक्त हो गया था.

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उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सांसद शामिल होते हैं. उपराष्ट्रपति के चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के प्रावधानों द्वारा शासित होते हैं. चुनाव आयोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 द्वारा उपराष्ट्रपति चुनावों को अधिसूचित करता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा तथा ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त मतदान द्वारा होगा.

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