नेतन्याहू की पश्चिमी देशों को दो टूक, ‘आपके समर्थन के साथ या उसके बिना जीतेंगे’

येरूशलम.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की जमकर आलोचना की है। मैक्रॉन ने एक रेडियो साक्षात्कार में इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने का आह्वान किया था और कहा था कि सभी "सभ्य" देशों को दृढ़ रहना चाहिए। नेतन्याहू ने इसे शर्मनाक करार दिया। सवाल किया कि क्या उनकी तरह ईरान हिजबुल्लाह, हूती, हमास और उसके सहयोगियों पर हथियार प्रतिबंध लगा रहा है? नेतन्याहू ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा, मैक्रॉन और अन्य पश्चिमी नेता "अब इजरायल के खिलाफ हथियार प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं", और जोर देकर कहा कि इजरायल "उनके समर्थन के साथ या उसके बिना जीतेगा"। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, "लेकिन युद्ध जीतने के बाद भी उनकी शर्मिंदगी लंबे समय तक जारी रहेगी।"

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नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल आज "सभ्यता के दुश्मनों" के खिलाफ सात मोर्चों पर अपना बचाव कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, "क्या ईरान हिजबुल्लाह, हूती, हमास और उसके अन्य सहयोगियों पर हथियार प्रतिबंध लगा रहा है? बिल्कुल नहीं। ये सब साथ खड़े हैं। लेकिन जो देश कथित तौर पर इस आतंकी संगठनों का विरोध करते हैं, वे इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हैं।" नेतन्याहू ने दावा किया कि इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह की मिसाइल और रॉकेट क्षमताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नष्ट कर दिया है।

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उन्होंने कहा कि इजरायली सेना सीमा के पास लेबनानी समूह की सुरंग प्रणाली को नष्ट कर रही है। "हालांकि खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन हमने संघर्ष का संतुलन बदल दिया है।" "लगभग एक महीने पहले, जैसे ही हम गाजा में हमास बटालियनों को नष्ट करने के अंत के करीब पहुंचे, हमने उत्तरी इजरायल के निवासियों से किए गए वादे को पूरा करना शुरू कर दिया।" 23 सितंबर से, इजरायली सेना ने पूरे लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई नागरिक हताहत हुए हैं और कई क्षेत्रों से निवासियों को विस्थापित होना पड़ा है। हवाई हमलों में समूह के महासचिव हसन नसरल्लाह सहित प्रमुख हिजबुल्लाह नेताओं को भी निशाना बनाया गया और उनकी हत्या कर दी गई। इसके अलावा, इजरायल ने लेबनान में एक "सीमित" जमीनी अभियान शुरू किया है।

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