भोपाल
भोपाल शहर की हरियाली अब और बढ़ेगी। मप्र भूमि विकास अधिनियम और कालोनी विकास की शर्तो में संशोधन के बाद ऐसा हो सकेगा। टीएंडसीपी ने शहर में ग्रीन कॉलोनी बनाने के लिए नए नियम जारी किए जा रहे हैं। अब नयी कॉलोनियों के कुल क्षेत्रफल का दस फीसदी ग्रीन व खुला स्पेस रखना होगा। यानी दस हेक्टेयर की कॉलोनी है तो वहां एक हेक्टेयर क्षेत्रफल सिर्फ पार्क व मैदान के तौर पर होगा। इसके लिए नई पॉलिसी में प्रावधान किए जा रहे हैं। अक्टूबर में ये पॉलिसी लागू होगी। कोई भी डेवलपर सिर्फ मकान, सड़क बनाकर काम पूरा नहीं कर पाएगा।
कॉलोनी विकास की अनुमति देते समय ही ग्रीन एरिया का क्षेत्रफल आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। यह नियम 10 हेक्टेयर की कॉलोनी में लागू किया जाएगा। – श्रीकांत बानोट, संचालक टीएंडसीपी
ऐसे समझें नए नियम
-10 से 40 हेक्टेयर की कॉलोनी है तो 60 फीसदी विकसित किया जा सकेगा।
-60 फीसदी विकसित किए जाने वाले क्षेत्र का 80 फीसदी आवासीय विक्रय होगा।
-20 फीसदी वर्क सेंटर यानि दुकानों के तौर पर विक्रय किया जाएगा।
-10 फीसदी कुल क्षेत्र का कम से कम पार्क व खुला क्षेत्र रखना होगा।
-25 फीसदी क्षेत्र वनीकरण के तौर पर यानी छायादार पेड़ लगाने होंगे।
-5 फीसदी क्षेत्र में सामाजिक अधोसंरचनाएं विकसित करनी होंगी।
-15 फीसदी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आवासीय इकाईयों में आरक्षित होंगी।
शहर में अभी यह स्थिति
इस समय राजधानी में 1200 से अधिक कॉलोनियां ऐसी हैं, जिनमें लोगों को खुला क्षेत्र नहीं दिया गया है। गुलमोहर में ही 30 से अधिक ऐसी कॉलोनियां हैं। कोलार में सबसे अधिक परेशानी है। यहां 600 से अधिक कॉलोनियों में पार्क और खुला क्षेत्र नहीं है। बच्चों को पार्क के लिए स्वर्ण जयंती या फिर शाहपुरा जाना पड़ता है।