नई दिल्ली
त्योहारों के मौसम में यात्रियों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तरी रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है। नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार टर्मिनल और गाजियाबाद रेलवे स्टेशनों पर 15 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री रोक दी गई है। यह फैसला दिवाली (20 अक्टूबर) और छठ पर्व (25 से 28 अक्टूबर) के दौरान संभावित भारी भीड़ को देखते हुए लिया गया है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस अवधि में स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी की संभावना है। ऐसे में भीड़-भाड़ से होने वाली अव्यवस्था और हादसों से बचने के लिए केवल टिकटधारी यात्रियों को ही स्टेशन परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। हालांकि, रेलवे ने कुछ श्रेणियों के लोगों को छूट दी है। वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों, अशिक्षित या महिला यात्रियों के साथ आने वाले परिजनों या सहायकों को प्लेटफॉर्म टिकट प्राप्त करने की अनुमति होगी। ऐसे लोगों को स्टेशन के पूछताछ काउंटर पर जाकर अपनी आवश्यकता बतानी होगी, जिसके बाद उन्हें विशेष अनुमति के तहत प्लेटफॉर्म टिकट जारी किया जाएगा।
रेलवे सूत्रों ने बताया कि यह कदम सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिहाज से आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष फरवरी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के आने की अफवाह के बाद प्लेटफॉर्म पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। उसी के बाद से रेलवे ने भीड़ नियंत्रण के उपायों को और कड़ा कर दिया है।
इसी तर्ज पर पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे ने भी मुंबई और गुजरात के कई स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट बिक्री पर अस्थायी रोक लगाने का निर्णय लिया है। पश्चिम रेलवे के बयान के अनुसार, 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक मुंबई बांद्रा टर्मिनस, वापी, उधना और सूरत स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट नहीं बेचे जाएंगे। वहीं, मध्य रेलवे ने भी मुंबई डिवीजन के प्रमुख स्टेशनों- छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), दादर, लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT), ठाणे, कल्याण और पनवेल पर इसी अवधि में यह प्रतिबंध लागू करने की घोषणा की है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि त्योहारों के दौरान ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है, लेकिन भीड़ प्रबंधन के लिए स्टेशन परिसर में केवल यात्रियों को प्रवेश देना ही सबसे प्रभावी उपाय है। इससे न केवल सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी की घटनाओं को भी रोका जा सकेगा।