कंगाल पाकिस्तान तमाम सूचकांकों में पीछे लेकिन बच्चा पैदा करने में आगे, साल 2050 तक बनेगा तीसरा सबसे बड़ी आबादी वाला देश

इस्लामाबाद
 कंगाली में डूबा पाकिस्तान तमाम सूचकांकों में पीछे है, लेकिन बच्चा पैदा करने के मामले में यह काफी आगे है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2050 तक पाकिस्तान जनसंख्या के मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा और दुनिया की तीसरा सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा। ऐसा तब हुआ है जब पिछले तीन दशक के दौरान पाकिस्तान में जन्म दर में बड़ी गिरावट देखी गई है।
3.6 है पाकिस्तान की प्रजनन दर

संयुक्त राष्ट्र विश्व प्रजनन रिपोर्ट 2024 के अनुसार, पाकिस्तान की प्रजनन दर साल 2024 में 3.6 पर है, जो एशिया के तमाम देशों से बहुत ज्यादा है। हालांकि, 1994 में पाकिस्तान की अपनी ही प्रजनन दर की तुलना में यह काफी कम हुई है। साल 1994 में पाकिस्तान में प्रति महिला जीवित प्रजनन दर 6 थी। इसका मतलब है कि हर महिला औसतन छह बच्चों को जन्म देती थी।

ये भी पढ़ें :  चीन ने पाकिस्तान में काम कर रहे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कर्मियों की तैनाती का प्रस्ताव रखा

तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनेगा

इस गिरावट के बावजूद, अनुमान है कि साल 2050 तक पाकिस्तान अमेरिका, इंडोनेशिया,ब्राजील और रूस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। साल 1947 में पाकिस्तान बनने के समय देश की जनसंख्या 3.1 करोड़ थी, जो 2023 की जनगणना के अनुसार 24.1 करोड़ हो गई है।

ये भी पढ़ें :  पीएम मोदी बैंकॉक जाएंगे, जानिए भारत की चाइना पॉलिसी के लिए क्यों अहम है BIMSTEC?

कितनी हो जाएगी पाकिस्तान की जनसंख्या?

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक पाकिस्तान की जनसंख्या 38 करोड़ से अधिक हो जाएगी। वहीं, 2054 तक प्रजनन दर में और गिरावट आने की उम्मीद है, जो घटकर 2.5 तक हो जाएगी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान के साथ-साथ इथियोपिया, नाइजीरिया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य जैसे मुस्लिम देशों में 2024 में वैश्विक जन्म का 43 प्रतिशत हिस्सा रहा।

ये भी पढ़ें :  BJP प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव पहुंचे अमरकंटक, मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर की प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना

देश की बढ़ती आबादी ने पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ा दिया है। जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए देश परिवार नियोजन कार्यक्रमों,गर्भनिरोधक वितरण और ग्रामीण शिक्षा अभियानों समेत विभिन्न उपायों का सहारा ले रहा है। हालांकि, धार्मिक कट्टरता, सांस्कृतिक बाधाएं और शिक्षा तक सीमित पहुंच इसमें बाधा डाल रही है। धार्मिक कट्टरता के चलते परिवार नियोजन उपायों को देश में बुरी नजर से देखा जाता है।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment