टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका के साथ रिश्ते सुधरे, रसोई गैस आयात पर बड़ा करार—क्या सस्ता होगा सिलेंडर?

नई दिल्‍ली.
 टैरिफ पर जारी तनाव में कमी आते ही भारत और अमेरिका के बीच रिश्‍ते एक बार फिर सुधरने शुरू हो गए हैं. खबर है कि अमेरिका और भारत के बीच LPG आयात को लेकर बड़ा करार हुआ है. अमेरिका के साथ साल 2026 के लिए लगभग 22 लाख टन प्रतिवर्ष LPG आयात का अनुबंध किया गया है. अनुबंध के तहत भारत के वार्षिक आयात का लगभग 10% अमेरिका से होगा.

इस करार के तहत साल 2026 में आयात शुरू किया जाएगा. भारत की सार्वजनिक तेल कंपनियों ने अमेरिकी कंपनियों के साथ आयात के लिए यह करार किया है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि यह करार अमेरिकी टैरिफ के बीच काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिका ने ट्रेड डील के लिए भारतीय कृषि उत्‍पादों को लेकर अपनी जिद भी छोड़ दी है.

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किन कंपनियों ने किया करार
भारत की सरकारी तेल कंपनियों इंडयिन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्‍तान पेट्रोल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने मिलकर अमेरिका के साथ एलपीजी का यह करार किया है. एलपीजी वही गैस है, जो रसोई गैस सिलेंडर में भरी जाती है. इस करार के तहत अमेरिका से साल 2026 में 22 लाख टन एलपीजी का आयात किया जाएगा. यह करार सिर्फ एक साल के लिए ही किया गया है. अमेरिका से अगले साल आयात होने वाला एलपीजी भारत के कुल आयात का 10 फीसदी हिस्‍सा होगा. इसे रणनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है. यह आयात अमेरिका के खाड़ी तटीय क्षेत्र से होगा और सीधे भारतीय पोर्ट पर आएगा.

भारत में एलपीजी का कितना आयात
भारत में हर साल एलपीजी का आयात बढ़ता ही जा रहा है. वित्‍तवर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 2.01 करोड़ टन रहा था, जो 2024 में बढ़कर 2.05 करोड़ टन हो गया. भारत में एलपीजी की कुल खपत करीब 3.1 करोड़ टन है और अपनी जरूरत का करीब 66 फीसदी एलपीजी आयात करना पड़ता है. पिछले साल सबसे ज्‍यादा आयात मध्‍य पूर्व देशों से हुआ है. इसमें यूएई से 81 लाख टन तो कतर से 50 लाख टन, कुवैत से 34 लाख टन और सऊदी अरब से 33 लाख टन एलपीजी का आयात किया गया. साल 2025 में शुरुआती तौर पर तो आयात में सुस्‍ती दिखी, लेकिन माना जा रहा है कुल खपत बढ़कर 3.2 करोड़ टन पहुंच सकती है. इस बीच अमेरिका से 22 लाख टन एलपीजी के आयात को भी काफी अहम माना जा रहा है.

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भारत में कितना एलपीजी उत्‍पादन
वित्‍तवर्ष 2024 में भारत में करीब 1.3 करोड़ टन एलपीजी का उत्‍पादन हुआ था, जो कुल खपत का करीब 42 फीसदी था और आयात 67 फीसदी के आसपास पहुंच गया था. वित्‍तवर्ष 2025 में अप्रैल तक एलपीजी उत्‍पादन हर महीने करीब 10.0 लाख टन था. इंडियन ऑयल सबसे ज्‍यादा 30 हजार टन एलपीजी का हर साल उत्‍पादन करता है. एक दशक में एलपीजी का उत्‍पादन करीब 30 फीसदी बढ़ा है, लेकिन मांग में भी 32 फीसदी का उछाल आया. इस तरह आयात पर निर्भरता घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही है. सरकार ने भी साल 2030 तक एलपीजी उत्‍पादन को 15 फीसदी तक पहुंचाने की योजना बनाई है. इस दौरान हर साल 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है. इसके लिए सरकार ऑयल इंडस्‍ट्री डेवलपमेंट फंड के जरिये 17,700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.

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