2011 वर्ल्ड कप फाइनल: युवराज से पहले धोनी को भेजने के पीछे की वजह बताई सचिन ने

नई दिल्ली 
'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर ने  रेडिट पर 'आस्क मी एनीथिंग' सेशन के जरिए फैंस के तमाम सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उनसे एक सवाल यह भी पूछा गया कि 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने युवराज सिंह से पहले महेंद्र सिंह धोनी को उतारने का सुझाव क्यों दिया था। 2011 वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे लेकिन युवराज सिंह से पहले उनके उतरने का फैसला उनका खुद का नहीं था, बल्कि सचिन तेंदुलकर का था। मुंबई के वानखेड़े मैदान में भारत और श्रीलंका के बीच खिताबी मुकाबला हुआ था। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे। जवाब में 114 रन पर भारत के 3 विकेट गिर चुके थे। वीरेंदर सहवाग, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली आउट होकर पवैलियन जा चुके थे।

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कोहली के आउट होने के बाद वैसे तो युवराज सिंह को उतरना था लेकिन उनकी जगह पर महेंद्र सिंह धोनी उतरे। इसके पीछे सचिन तेंदुलकर का दिमाग था। उन्होंने ही तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन को इसका सुझाव दिया था। बाद में वीरेंदर सहवाग ने खुलासा किया था कि फाइनल में युवराज सिंह से पहले धोनी को प्रमोट करके बल्लेबाजी का सुझाव सचिन तेंदुलकर ने दिया था। रेडिट के 'AMA' सेशन में एक फैन ने सहवाग के उसी खुलासे के आधार पर सचिन से पूछा कि क्या वीरु ने जो कहा था वह सच है और इस तरह के रणनीतिक बदलाव की वजह क्या थी?

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मास्टर-ब्लास्टर ने धोनी को प्रमोट करके युवराज सिंह से पहले उतारने के 2 कारण बताए। उन्होंने कहा, 'इसके दो कारण थे। लेफ्ट-राइट बैटिंग कॉम्बिनेशन से दोनों ऑफ-स्पिनरों को दिक्कत होती। इसके अलावा मुरलीधरन सीएसके के लिए खेल चुके थे (2008 से 2010) और एमएस ने नेट्स में तीन सीजन तक उनको खेला था।' 2011 के फाइनल की बात करें तो वीरेंदर सहवाग के तौर पर भारत का पहला विकेट 1 रन पर ही गिर गया था। उसके बाद स्कोरबोर्ड में सिर्फ 30 रन और जुड़े थे कि सचिन तेंदुलकर भी 18 रन बनाकर लसिथ मलिंगा का शिकार बन गए थे। उस समय गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच साझेदारी ने टीम को मुश्किल से उबारा।

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114 रन के टीम स्कोर पर कोहली भी 35 रन बनाकर आउट हो गए। चूंकि गौतम गंभीर बाएं हाथ के बल्लेबाज थे, लिहाजा सचिन ने लेफ्टी युवराज सिंह से पहले राइट-हैंडर महेंद्र सिंह धोनी को उतारने का सुझाव दिया। धोनी और गौती के बीच 119 रन की साझेदारी हुई। गंभीर महज तीन रन से शतक से चूक गए और आउट हो गए। उनके आउट होने के बाद युवराज सिंह बल्लेबाजी के लिए उतरे। उन्होंने और धोनी ने मिलकर भारत को 6 विकेट से जीत दिलाकर विश्व चैंपियन बना दिया। महेंद्र सिंह धोनी ने 79 गेंदों में 91 रन की नाबाद पारी खेली थी।

 

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