सम्पदा 2.0 को मिला ई-गवर्नेंस अवार्ड

पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन की दिशा में अग्रणी बना मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल

डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करते हुए मध्यप्रदेश ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अभिनव पहल संपदा 2.0 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार-2025 से नवाजा गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन की दिशा में मध्यप्रदेश अग्रणी बना है।

यह सम्मान तकनीक के माध्यम से शासन व्यवस्था में परिवर्तन लाने की श्रेणी- गवर्नमेंट प्रोसेस री-इंजीनियरिंग बाई यूज ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन-में प्रदान किया गया है। विशाखापट्टनम में ई-गवर्नेंस पर आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह एवं सचिव भारत सरकार डीएआरपीजी श्री वी. श्रीनिवास ने महानिरीक्षक पंजीयन श्री अमित तोमर तथा संपदा परियोजना अधिकारी श्री स्वप्नेश शर्मा को यह अवार्ड प्रदान किया।

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ई-गर्वेनेंस अवार्ड मिलना प्रदेश के लिए ऐतिहासिक : उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा

उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने इस उपलब्धि को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सम्पदा 2.0 ने संपत्ति एवं दस्तावेजों के पंजीयन को पूर्णत: पेपरलेस और फेसलेस बना दिया है। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली नागरिकों को बिना कार्यालय आए सुरक्षित और सरल पंजीयन की सुविधा देती है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार ने केवल प्रदेश की तकनीकी दक्षता को प्रमाणित किया है, बल्कि सुशासन और नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता और गति लाने की दिशा में मध्यप्रदेश की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया है।

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उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और गुड गवर्नेंस के क्षेत्र में लगातार नई पहचान बना रहा है। सम्पदा 2.0 से न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है, बल्कि निवेश और व्यावसायिक वातावरण को भी मजबूती मिली है। उन्होंने परियोजना से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह पुरस्कार मध्यप्रदेश के सुशासन मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा को दर्शाता है।

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने दस्तावेजों का पूर्णतः पेपरलेस ई-पंजीयन प्रारंभ किया है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम के अंतर्गत लगभग 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 दस्तावेजों का फेसलेस पंजीयन वीडियो केवाईसी के माध्यम से संभव हुआ है। यह प्रक्रिया छद्मरूपण एवं भूमि विवादों को कम करने में सहायक सिद्ध हो रही है।

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सम्पदा 2.0 में जीआईएस तकनीक सहित आधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब नागरिक कहीं से भी, कभी भी www.sampada.mpigr.gov.in पोर्टल अथवा मोबाइल एप से ई-स्टाम्प प्राप्त कर सकते हैं और राज्य की किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें तत्काल देख सकते हैं। पंजीयन पूर्ण होते ही दस्तावेज ईमेल और व्हाट्सऐप पर उपलब्ध हो जाते हैं।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार राज्य को लास्ट माइल कनेक्टिविटी श्रेणी में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्राप्त हुआ था। लगातार दूसरे वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर हासिल यह उपलब्धि प्रदेश की तकनीक आधारित पारदर्शी कार्यप्रणाली और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।

 

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