उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिवनवरात्र की शुरुआत हो गई, शिवनवरात्र के दौरान आरती-पूजन का समय बदलेगा

 उज्जैन

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में आज से शिवनवरात्र का आरंभ हो गया है। आज पुजारी ने कोटेश्वर महादेव को हल्दी लगाई। इस बार तिथि वृद्धि होने से यह उत्सव 11 दिन मनाया जाएगा। भगवान महाकाल को हर्बल उत्पादों से दूल्हा रूप में पुजारी शृंगारित किया।

इसमें मलयागिरि चंदन, हल्दी से बने कुमकुम तथा फूलों से बने गुलाल का उपयोग होगा। मंदिर समिति ने यह कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सुझाव पर उठाया है।

महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में फाल्गुन कृष्ण पंचमी से चतुर्दशी तक शिव विवाह का उत्सव मनाया जाएगा। उत्सव की इस शृंखला में भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इसमें लगने वाली पूजन सामग्री का मंदिर समिति ने विशेष प्रबंध किया है।

ये भी पढ़ें :  अवैध रेत उत्खनन करने वालों पर तुरंत कर्रवाई करें : मंत्री राजपूत

स्थानीय विक्रेता से उच्च गुणवत्ता की हल्दी, कुमकुम, अबीर, गुलाल, चंदन खरीदा गया है। अभिषेक के लिए खांडसारी शकर का उपयोग होगा। अभिषेक के लिए फलों का रस भी विशेष निगरानी में तैयार कराया जाएगा।

इन रूपों में दर्शन देंगे महाकाल

    17 फरवरी : चंदन शृंगार
    18 फरवरी : दिव्य चंदन शृंगार
    19 फरवरी : शेषनाग शृंगार
    20 फरवरी : घटाटोप शृंगार
    21फरवरी : होलकर शृंगार
    22 फरवरी : छबीना शृंगार
    23 फरवरी : मनमहेश शृंगार
    24 फरवरी : उमा महेश शृंगार
    25 फरवरी : शिवतांडव शृंगार
    26 फरवरी : अर्पित करेंगे सतत जलधारा
    27 फरवरी : सप्तधान्य शृंगार

ये भी पढ़ें :  एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को बेंगलुरु पुलिस ने किया गिरफ्तार

यह रहेगा अभिषेक पूजन का क्रम

    सुबह 8 बजे कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन होगा। इसके बाद भगवान को हल्दी लगेगी।
    सुबह 9.30 बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना व रुद्रपाठ।
    पूजा-अर्चना के बाद दोपहर एक बजे भगवान महाकाल की भोग आरती।
    दोपहर तीन बजे से संध्या पूजा, इसके बाद भगवान का विशेष शृंगार।
    शाम चार बजे मंदिर के सभा मंडप में ढोली बुआ द्वारा नारदीय संकीर्तन से कथा।

ये भी पढ़ें :  मिशन मोड पर कार्य करने से मिलते हैं उत्कृष्ट परिणाम: उप मुख्यमंत्री शुक्ल

बदलेगा आरती-पूजन का समय

शिवनवरात्र के दौरान पूजा-अर्चना के विशेष अनुक्रम के कारण भगवान महाकाल की भोग आरती व संध्या आरती का समय बदलेगा। सामान्य दिनों में सुबह 10.30 बजे होने वाली भोग आरती सोमवार से दोपहर 1 बजे तथा संध्या पूजा शाम पांच बजे के बजाय दो घंटे पहले दोपहर तीन बजे होगी। शिवनवरात्र में मंदिर के पुजारी उपवास रखेंगे।
शुद्ध हर्बल पूजन सामग्री खरीदी

    भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना व शृंगार के लिए शुद्ध हर्बल पूजन सामग्री खरीदी गई है। – मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक, महाकाल मंदिर समिति, उज्जैन

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment