जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं पर रील बनाने वालों पर मामला दर्ज, समाजजनों ने किया था प्रदर्शन

ग्वालियर

ग्वालियर में सोशल मीडिया पर एक रील वायरल हुई थी, जिसमें एक महिला ग्वालियर किले पर स्थित जैन तीर्थंकरों की प्राचीन प्रतिमाओं के सामने खड़ी होकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रही थी।

सोशल मीडिया पर इस रील की जमकर आलोचना हुई और हर तरफ से विरोध के स्वर उठे। दो दिन पहले इस रील को इंस्टाग्राम पर अपलोड करने वाली प्रीति कुशवाह और उसके साथी लखन कुशवाह ने माफी मांगते हुए एक और वीडियो अपलोड किया था। हालांकि, इस मामले में डबरा निवासी जैन समाज के सदस्य नरेन्द्र जैन की शिकायत पर मंगलवार रात 12 बजे प्रीति कुशवाह और लखन कुशवाह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

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जैन समाज ने एएसपी से की थी शिकायत

ग्वालियर किले की तलहटी में स्थित प्राचीन जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाएं मुगल शासनकाल के दौरान औरंगजेब द्वारा खंडित की गई थीं। इन्हीं प्रतिमाओं के सामने शिवपुरी के नरवर की रहने वाली प्रीति कुशवाह अपने साथियों के साथ घूमने आई थीं। इस दौरान प्रीति ने रील बनाते समय जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया।

यही नहीं, वह और उसके साथी जूते-चप्पल पहनकर प्रतिमाओं की गोद में बैठे नजर आए। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो जैन समाज में भारी आक्रोश फैल गया। समाज के लोगों ने एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंपकर रील बनाने वालों पर एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी की मांग की थी।

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बवाल मचने पर मांगी माफी

वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ता देख प्रीति ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी से विवादित वीडियो हटा दिया। इसके बाद एक नया वीडियो अपलोड कर माफी मांगी। इसमें प्रीति और उसके सहयोगी ने कहा- 'उन्हें नहीं पता था कि ये जैन धर्म की प्रतिमाएं हैं। दोनों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए जैन समाज से क्षमा याचना की है।'

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जैन मुनिश्री विलोक सागर बोले- कड़ी सजा मिले

इस वीडियो को लेकर जैन मुनिश्री विलोक सागर ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस प्रकार की हरकतें बिल्कुल गलत हैं क्योंकि यह आस्था का विषय है। दिगंबर जैन प्रतिमाओं को लोग पूजते हैं और यदि वे खंडित भी हो गई हों, तो इसका अर्थ यह नहीं कि उनका अपमान किया जाए।

यह हमारे पूर्वजों की धरोहर है और उसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

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