एकीकृत शासकीय हाई स्कूल गाज़ीपुर के प्राचार्य के रिटायरमेंट पर दुःखी हुआ स्टाफ और स्कूली बच्चे

सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई

एकीकृत शासकीय हाई स्कूल गाज़ीपुर के प्राचार्य के रिटायरमेंट पर दुःखी हुआ स्टाफ और स्कूली बच्चे

मंडला

एकीकृत शासकीय हाई स्कूल गाज़ीपुर के प्राचार्य के पद पर रहे रूपलाल मरकाम सोमवार को अपनी शासकीय सेवा अवधि पूरी कर सेवानिवृत्त हो गए। रूपलाल मरकाम ने 36 वर्ष 8 माह 6 दिन शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं, जिसमें गाजीपुर में प्राचार्य के रूप में उन्होंने 12 वर्ष तक कार्य किया है। बता दें की सोमवार को एकीकृत शासकीय हाई स्कूल गाज़ीपुर के स्टाफ ने दोपहर लगभग 2 बजे विद्यार्थियों की मौजूदगी में विदाई समारोह आयोजित किया, जिसमें सेवानिवृत्त प्राचार्य रूपलाल मरकाम को प्रतीक चिन्ह सौंपा गया। विदाई समारोह कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई, हेमंत सारथी द्वारा तिलक वंदन किया गया। तत्पश्चात स्कूल के बच्चों ने विदाई का भावनात्मक गीत प्रस्तुत किया। महिमा लखेरा, दीक्षा सारथी, निहारिका सरोते द्वारा गुरु के ऊपर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। स्कूल के बच्चों ने प्राचार्य की राहों में फूल बरसाए और नाचते गाते उनका स्वागत वंदन किया गया, तो वहीं स्कूल के स्टाफ फूल माला लेकर प्राचार्य रूपलाल मरकाम के विदाई समारोह में शामिल हुए, इसके बाद सेवानिवृत्त प्राचार्य को सम्मानित किया गया। इस दौरान प्राचार्य ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने विद्यालय परिसर में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी आवश्यकता होगी वह सेवानिवृत्ति के बाद भी शाला के विकास में हरसंभव सहयोग व मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए तत्पर रहेंगे। बता दें की अपने अनुशासित व्यवहार और सरकारी स्कूल के प्रति अलग ही लगन के चलते सेवानिवृत प्राचार्य रूपलाल मरकाम ने अपनी अलग पहचान बनाई है। कार्यक्रम का कुशल संचालन ट्वेटा से दिलीप मरावी और आभार प्रदर्शन प्रमोद शुक्ल ने किया।

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इस दौरान विद्यालय के शिक्षक प्रमोद कुमार शुक्ला ने कहा कि प्राचार्य रूपलाल मरकाम हमारे लिए एक आदर्श के रूप में हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। उनसे हमने अनेक कार्य सीखे हैं, वे बड़े ही कुशल नायक, कर्मठ, प्रशंसक रहे हैं। उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों का बड़े ही ईमानदारी और बहुत ही सरलता पूर्वक निर्वहन किया है। विद्यालय परिवार उनके कार्यों को हमेशा याद रखेगा।
विद्यालय की शिक्षिका झीनी मरावी ने कहा हम प्राचार्य रूपलाल मरकाम के हमेशा ऋणी रहेंगे क्योंकि उनके बिना हमारा विद्यालय अभिभावक विहीन हो गया है जिसकी भरपाई करना बहुत ही मुश्किल है। उन्होंने प्राचार्य के कुशल कार्य दक्षता की प्रसंशा करते हुए कहा की उनके दिशा निर्देशन में विद्यालय ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

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विद्यालय की शिक्षिका कीर्ति दुबे ने प्राचार्य को विदाई देते हुए कहा की इतने वर्षों में उनके द्वारा हमें अच्छे कर्मठ होने के लिए प्रेरित किया गया। विद्यालय में बिताए हुए समय का महत्व समझाया गया। साथ ही विवादों से बचकर रहने की प्रेरणा भी प्राचार्य रूपलाल मरकाम द्वारा हमें दी गई। हमारा स्कूल स्टाफ उन्हे और उनकी सीख को कभी नहीं भूल पाएगा।
विद्यालय के शिक्षक अरविंद तिवारी ने कहा की मैं प्राचार्य जी को 27 वर्षों से जान रहा हूं जो अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा ईमानदार व कर्मठ रहे है, मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है, मैं अपने जीवन में उनकी बातों को अमल भी करता हूं।
शिक्षक दिनेश उपाध्याय ने कहा की प्राचार्य रूपलाल मरकाम जी का एक गांव से निकलकर इतनी तरक्की करना हम सबके लिए प्रेरणा का विषय है।

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कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित –

पूर्व प्राचार्य केहरपुर, के.के. हरदा प्रभारी प्राचार्य, ओमप्रकाश चौबे, अरविंद तिवारी, चित्रलेखा ठाकुर, स्मृति ठाकुर, खेमराज महान, प्रमोद शुक्ल, रामुलिया पंद्राम, दीपा पटेल, रीता पटेल, शिवा कुरेशी, रश्मि साहू, रश्मि मरकाम, मीना श्रीवास्तव, स्वाति परते, श्रद्धा चौरसिया, पलास नामदेव, जी.पी. झरिया, परमू पंद्राम, हेमंत सारथी सहित अन्य शिक्षक और स्कूल के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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