वाशिंगटन
अमेरिका से ऐसी खबर सामने आई है जिसने करीब 3 लाख भारतीय छात्रों को चिंता में डाल दिया है। दरअसल, यूएस में एक नया बिल पेश किया गया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) ऑप्शन को खत्म करने का प्रस्ताव है। यह सुविधा वर्तमान में STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) के छात्रों को मिलती है, जिससे वे अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद अमेरिका में 3 साल तक रहकर काम कर सकते हैं। अगर यह विधेयक पास हो जाता है तो छात्रों को पढ़ाई खत्म करने के तुरंत बाद देश छोड़ना होगा, जब तक कि वे H-1B वीजा हासिल नहीं कर लेते। यह फैसला ऐसे समय लिया जा रहा है जब ट्रंप सरकार की टैरिफ नीतियों के चलते कई देशों को तगड़ा झटका लगा है।
इंडियन स्टूडेंट्स अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सबसे बड़ी आबादी का हिस्सा हैं। ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में यूएस में 11 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 3.31 लाख भारतीय थे। ये छात्र मुख्य रूप से STEM कोर्सेस में पढ़ाई करते हैं और OPT के जरिए प्रोफेशनल अनुभव हासिल करते हैं। इससे H-1B वीजा पाने के लिए उनकी दावेदारी मजबूत हो जाती है। अब नए बदलाव से उनके करियर प्लान पर गहरा असर पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि यह कदम डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीतियों का हिस्सा है। उन्होंने चुनाव अभियान में मास डिपोर्टेशन और वीजा नियमों को कड़ा करने का वादा किया था।
अमेरिका के बाद क्या होगा छात्रों का विकल्प
नए प्रस्ताव से न केवल भारतीय छात्रों, बल्कि अन्य देशों के छात्रों पर भी असर पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि इससे कई छात्र अब कनाडा और यूरोप जैसे वैकल्पिक देशों की ओर रुख कर सकते हैं, जहां 2025-26 के लिए भारतीय आवेदनों में 20% की बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस खबर से छात्रों में घबराहट फैल गई है। कई छात्र अब जल्दी से H-1B वीजा के लिए आवेदन करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसकी लॉटरी प्रक्रिया और सीमित कोटा इसे मुश्किल बनाते हैं। अगर OPT खत्म होता है, तो भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका में पढ़ाई और करियर का सपना अधूरा रह सकता है। यह स्थिति भारत-अमेरिका के शैक्षिक और आर्थिक रिश्तों पर भी सवाल उठाती है।