निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधार के लिये प्रदेशभर में हुआ औचक निरीक्षण, 35 कार्यों का किया गया मूल्यांकन
दो निर्माण एजेंसी ब्लैक लिस्ट एवं तीन अधिकारियों को नोटिस
भोपाल
प्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्यों के औचक निरीक्षण की नवीन पहल प्रारंभ की गई है। इस पहल में हर माह दो बार सॉफ्टवेयर से रैंडमली चयनित दलों, जिलों, निर्माण कार्यों और सामग्री के सैंपल लेने के स्थानों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।इसी क्रम में 5 अप्रैल 2025 को प्रदेश के 7 जिलों हरदा, बालाघाट, अशोकनगर, अलीराजपुर, सीधी, उज्जैन एवं टीकमगढ़ में निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण अभियान के अंतर्गत कुल 35 निर्माण कार्यों का चयन रैंडम आधार पर किया गया, जिनमें 14 कार्य पीडब्ल्यूडी (सड़क/पुल), 13 कार्य पीआईयू, 6 कार्य मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम, 1 कार्य मध्यप्रदेश भवन विकास निगम एवं 1 कार्य पीडब्ल्यूडी (एनएच) से संबंधित थे।
निरीक्षण के बाद प्राप्त प्रतिवेदन की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में की गई, प्रबंध संचालक सड़क विकास निगम श्री भरत यादव, प्रमुख अभियंता श्री के.पी.एस. राणा, प्रमुख अभियंता श्री एस.आर. बघेल, सभी मुख्य अभियंता एवं निरीक्षणकर्ता अधिकारी उपस्थित रहे।
समीक्षा में टीकमगढ़ जिले के दिगोड़ा-मोहनगढ़ मार्ग की गुणवत्ता को लेकर निरीक्षणकर्ताओं ने सराहना की। परफॉर्मेंस गारंटी की अवधि समाप्त होने के दो वर्ष बाद भी मार्ग की स्थिति उत्कृष्ट पाई गई। इसके लिए निर्माण कार्य के दौरान पदस्थ श्री अनिल श्रीवास्तव एवं श्री पी.के. जोशी की विशेष प्रशंसा की गई।
बालाघाट जिले के पीनडकेपर-खुशीपार-फोगलटोला मार्ग पर गुणवत्ता में गंभीर कमी पाई गई, जिसमें कस्ट की मोटाई कम पाई गई तथा सीसी कार्य में जॉइंट कटिंग समय पर नहीं की गई। इस लापरवाही के लिए निर्माण एजेंसी ‘श्री मोहनी कंस्ट्रक्शन’ को ब्लैक लिस्ट में डालने एवं संबंधित कार्यपालन यंत्री, एसडीओ व उपयंत्री को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार अशोकनगर जिले के बररी-नलखेड़ा मार्ग के निर्माण कार्य की खराब गुणवत्ता को देखते हुए निर्माण एजेंसी ‘अवनी कंस्ट्रक्शन’ को भी ब्लैक लिस्ट में दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
समीक्षा बैठक में एमडी एमपीआरडीसी श्री भरत यादव ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि आवश्यक सुधार कार्य शीघ्र कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन एवं विधानसभा के लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने एवं ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य संपादन करने के लिये भी निर्देश जारी किए गए हैं।