शिक्षा के प्रसार के लिए डिंडोरी के बजाग में नया प्रयोग जनजातीय विद्यार्थियों को उनकी बोली में प्राथमिक शिक्षा देने का प्रयास हिन्दी भाषा पाठ्यक्रम का बैगानी और गोंडी बोली में हो रहा अनुवाद पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई में मिलेगा लाभ भोपाल जनजातियों की देशज कला, संस्कृति, वानस्पतिक ज्ञान और जड़ी-बूटी रोग उपचार कौशल के संरक्षण और संवर्धन के लिए केन्द्र और मध्यप्रदेश सरकार विभिन्न कदम उठा रही हैं। जनजातियों की अपनी बोलियां होती हैं। वे अपनी बोली में ही बात करना पसंद करते हैं। ज्ञान…
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