इंदौर प्रसव के बाद प्रसूता के उपचार में बरती लापरवाही डाॅक्टर को महंगी पड़ी। 11 वर्ष चली सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता आयोग ने डाॅक्टर को आदेश दिया कि वह महिला को चार लाख रुपये हर्जाने के रूप में अदा करे। ब्याज सहित यह राशि करीब साढ़े आठ लाख रुपये होती है। आयोग ने माना कि प्रसूति के बाद महिला को रक्तस्राव होने लगा था और उसकी हालत बिगड़ने लगी थी लेकिन डाॅक्टर ने कुछ नहीं किया। मजबूरी में महिला को दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा। इसमें स्वजन के तीन…
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