छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक ऐसा सरकारी प्राइमरी स्कूल है, जो केवल एक शिक्षक और एक प्यून के भरोसे है, जो अक्सर विद्यालय नहीं जाते हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है की सरकार शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर है।
मामला बलरामपुर जिले के दक्षिण पारा पीपरपान प्राइमरी स्कूल का है , जो पिछले कई महीनो से भगवान भरोसे चल रहा है यहां पर एक शिक्षक और एक पीयून है पर दोनों ड्यूटी से बगैर सूचना के नदारत रहते हैं बगैर शिक्षक के इस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं किस तरह से अपने भविष्य गढ़ने को लेकर जद्दो जहद कर रहे हैं
हर माता-पिता अपने बच्चों को यह सोचकर स्कूल भेजते हैं कि वह पढ़ लिखकर आगे बढ़ेंगे एवं खूब तरक्की करेंगे लेकिन बच्चों के भविष्य निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक ही अगर स्कूल महीनो तक न पहुंचे तो जरा आप हीं सोचिए की ऐसे में स्कूली बच्चे अपना भविष्य कैसे गढ़ेंगे और कैसे आगे बढ़ेंगे जी हां ऐसा ही हाल रामचंद्रपुर विकासखंड के प्राइमरी स्कूल दक्षिणपारा पीपरपान का है जो पिछले कई महीनों से भगवान भरोसे चल रहा है यहां एक शिक्षक हैं लेकिन हमेशा स्कूल से नदारत रहते हैं।
बच्चों का भविष्य अब अंधकार में जाते दिखाई दे रहा
जिले के दूरस्थ अंचल पर बसे रामचंद्रपुर ब्लॉक के पीपरपान पंचायत के दक्षिण पारा में स्थित प्राथमिक शाला में करीब 45 बच्चे डॉक्टर इंजीनियर बनने के सपने लेकर रोजाना शिक्षा ग्रहण के लिए स्कूल जाते हैं, पर विभाग की अनदेखी के वजह से गुरुजी स्कूल से गायब रहते हैं। जिससे बच्चों का भविष्य अब अंधकार में जाते दिखाई दे रहा है। बच्चे घर से पढ़ाई के नाम से स्कूल आते लेकिन दुर्भाग्य वस विद्यालय में शिक्षक ही नहीं पहुंचते, ऐसा नहीं है। इस मामले से विभाग अनजान है। बावजूद इसके मौन धारण कर बैठा हुआ है, जिसका असर अब बच्चों के पढ़ाई पर दिख रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय से हमेशा शिक्षक गायब रह रहे हैं महीने के दो-तीन दिन हीं स्कूल पहुंच रहे हैं शिक्षक की नियमित रूप से उपस्थित नहीं हो रही है,जिसे लेकर कई बार शिकायत चुके हैं पर कोई नहीं सुन रहा है, इस बात से सहज हीं समझा जा सकता है कि वर्तमान कृषि मंत्री रामविचार नेताम के गृह ग्राम इलाके में शिक्षा व्यवस्था की ऐसी स्थिति है महीनों से शिक्षक गायब रह रहे हैं लेकिन विभाग कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानपुर पूर्ति करने में लगी हुई है।
BEO ने क्या कहा?
पूरे मामले पर एक तरफ लोगों का आरोप है की कई बार शिकायत करने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, तो वही मामले पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने बताया की मामले में जांच कर शिक्षक को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है और वेतन भी रोक दिया गया है। नोटिस का जवाब आते ही विधिवत करवाई की जाएगी फिलहाल संकुल स्तर पर बात की गई है। जल्द ही नए शिक्षक भेजने की बात कह रहे हैं। बहरहाल अब देखने वाली बात यह होगी मामले को लेकर शिक्षा विभाग किस तरह से पहल करती है या फिर स्थिति जस का तस बना रहता है।