बंधा कोल माइंस का एवार्ड पारित, कलेक्टर ने मुआवजा जीवियों के मंसूबों पर फेरा पानी
3362 मकान एवार्ड से बाहर, मुआवजा जीविओ को लगा तगड़ा झटका, 355 करोड़ रूपयें का तैयार हुआ मुआवजा ,कई घरो के दरवाजे गायब किसी का अता पता नही सूने मिले मकान
सिंगरौली
बंधा कोल माइंस अवार्ड को कलेक्टर ने पारित कर दिया है बंधा गांव के करीब 1362 मकान अवार्ड से बाहर हो गए हैं ।एवार्ड पारित होने के बाद मुआवजा जीवियों को कलेक्टर ने करारा झटका दिया है। वही मुआवजा जीवियों के मंशा पर कलेक्टर ने पानी फेर दिया है। कलेक्टर के इस कदम से मुआवजा जीवियों में हड़कम्प मच गया हैं।
गौरतलब है कि जब हम या और किसी व्यक्ति के द्वारा लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर कहीं पर मकान का निर्माण करते हैं तो इन बिंदुओं को ध्यान में रखकर ही अपनी जमा पूंजी लगते हैं। उसमें मुख्य रूप से शहर या नगर तथा कस्बा हो आवागमन के साधन हो ,स्वास्थ्य, आसपास शिक्षा की सुविधा हो, बिजली, सड़क, पानी भी उपलब्ध हो ,इन्ही बातों का ख्याल रखते हुए मकान का निर्माण करने का उद्देश्य रहता है। किंतु जिले में इन दोनों एक प्रचलन आ गया है कि आलम यह है कि जिस क्षेत्र में औद्योगिक कंपनिया , नेशनल हाईवे सड़क के प्रस्तावित होने की सुगबुगाहट लगते ही मुआवजा जीवी सक्रिय हो जाते हैं। ताजा उदाहरण तौर पर प्रयागराज से बाया चितरंगी- सिंगरौली नेशनल हाईवे 135 सी का है। मुआवजा जीवियों को इसकी सुगबुगाहट लगते ही रात दिन बराबर लगकर बनारस, लखनऊ, फैजाबाद, चंदौली, मिर्जापुर यहां तक की भोपाल तक के लोग सिंगरौली पहुंच प्रस्तावित नेशनल हाईवे में पक्के मकान का निर्माण कार्य कर दिया। बाद में जब इसकी शिकायत हुई तो भारत सरकार परिवहन मंत्रालय ने आखिरकार सड़क का एलाइमेंट ही निरस्त कर दिया। इसमें करीब 3000 से अधिक नवीन मकानो का निर्माण पाया गया था।
भारत सरकार परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की कार्रवाई के बाद मुआवजा जीवियों को बड़ा झटका लगा था। नेशनल हाईवे 135 सी का मामला अभी तक ठंडा नहीं पड़ा था कि कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने मुआवजा जीविओ को एक और बड़ा झटका दे दिया है। इस बार ईआईएमएल माईंस एण्ड मिनिरल्स रिसोर्स प्राईवेट लिमिटेड बंधा कोल ब्लाक औद्योगिक कंपनी के लिए कोयला खदान आवंटित है जहां बंधा कोल माइंस परियोजना के अवार्ड को कलेक्टर ने पारित कर दिया है ।सूत्र बताते हैं कि बंधा ब्लाक के कुल 4174 मकान बने थे, जिसमें 812 पुराने मकान थे। शेष 3362 मकान का निर्माण बाद में कराया गया । वही कुल मुआवजा 355 करोड़ तैयार हुआ है। इस संबंध में बताया जाता है कि बंधा कोल माइंस परियोजना क्षेत्र में अवैध मकानों के निर्माण होने की जानकारी कलेक्टर तक पहुंची जहां कलेक्टर ने भवनो के सत्यापन के लिए जांच टीम गठित किया। जांच टीम के प्रतिवेदन एवं भौतिक सत्यापन के बाद कलेक्टर ने मुआवजा जीवियो के मंशा पर पानी फिरते हुए उनके हर कोशिश को नाकाम करते हुयें 3362 मकानो को एवार्ड से बाहर किया हैं। कलेक्टर के इस कदम से दूर दराज वा अन्य प्रांतो तथा जिलो से अनाधिकृत रूप से मुआवजा लेने के नियत से बनायें गयें मकानो को एवार्ड से बाहर किए जाने के बाद क्षेत्र के मुआवजा जीवियो में हड़कम्प मचा हैं।
घर क्यो बनाए जबाव पर चुप्पी
आलम यह है कि इन दिनों बंधा कोल ब्लॉक के बंधा गांव में लोग बिल्कुल शांत हैं। कोई भी व्यक्ति मुआवजे के संबंध में कोई बात करने को तैयार नहीं हालांकि उनकी शिकायत यह जरूर है कि हमारे साथ गलत हुआ, पर जब उनसे यह सवाल होता है कि यह घर क्यों बनाए गए हैं तो वह चुप हो जाते हैं अपने खुद के बनाए गए घर को भी मानने से इनकार कर रहे हैं बहरहाल बंधा गांव में जो कोई व्यक्ति पहली बार जाएगा उसे यह समझ कतई नहीं आएगा कि वह किसी गांव में आया है बल्कि उसे शहरो जैसा एहसास होगा। क्योंकि जहां नजर जाती है वहां चारों तरफ पक्के मकान ऐसे बने नजर आते हैं जैसे कोई रिहायशी कॉलोनी हो कुछ घरों में दरवाजे हैं। लेकिन उसमें ताला बंद है और कुछ घर ऐसे हैं, जिनमें दरवाजे भी नहीं है घरों के अंदर मवेशी लौट रहे हैं। साफ जाहिर होता है कि यह मकान रहने के लिए नहीं बल्कि मुआवजा पाने के लिए बनाए गए हैं। कहीं खेत में तो कहीं मैदान में चारों तरफ सिर्फ घर ही घर नजर आते हैं।
दो दर्जन आदिवासियों के भूमि पर बने थे मकान
कलेक्टर द्वारा गठित टीम के द्वारा वैध एवं अवैध, नवीन तथा पुराने मकानों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा था। इस दौरान बंधा कोल ब्लाक में 25 ऐसे मकानो का निर्माण पाया गया जहा आदिवासियों के पट्टे की भूमि पर मकान होना पाया गया। कलेक्टर ने उक्त मकानो को भी एवार्ड से बाहर कर दिया हैं। अब आदिवासियों के मकानो का मुआवजा लेने के नियत से बनाए जाने वाले मुआवजा जीवियो की चिंताये बड़ गई हैं। कलेक्टर ने उक्त कदम उठाते हुयें यह संदेश देने का प्रयास किया है कि गैर तरीके से मुआवजा हासिल करने की कोशिश बंद करे वरना उनकी जमापूंजी भी नष्ट हो जायेगी।
इनका कहना है।
बंधा कोल ब्लाक का एवार्ड पारित हो गया है 812 मकान पुराने पायें गयें है। 3362 मकान एवार्ड से बाहर कर दिए गए हैं। 355 करोड़ रूपये मुआवजा बना है।
चन्द्र शेखर शुक्ला
कलेक्टर सिंगरौली।