परिसीमन का असर: MP में बढ़ेंगी विधानसभा सीटें, पहली नई सीट का खुलासा

भोपाल 

 मध्यप्रदेश के आगामी 2028 विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले परिसीमन और महिला आरक्षण को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। माना जा रहा है कि धार जिले से अलग होकर औ‌द्योगिक नगरी पीथमपुर (Pithampur) को स्वतंत्र विधानसभा सीट का दर्जा मिल सकता है। बढ़‌ती आबादी और मतदाताओं की संया को देखते हुए यह फैसला लगभग तय माना जा रहा है। वर्तमान में धार जिले में सात और इंदौर जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं। दोनों जिलों की कुल आबादी और मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।

धार में बनेंगी दो नई विधानसभा सीटें

राजनीतिक गलियारों में 2028 के विधानसभा चुनाव (mp assembly elections 2028) से पहले होने वाले परिसीमन और महिला आरक्षण पर निगाह टिकी हुई है। इससे जहां नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे, वहीं दावेदारों के साथ-साथ विधायकों की संख्या में भी इजाफा होगा। औसतन एक विधानसभा में ढाई से लेकर तीन लाख मतदाता ही रहेंगे और मौजूदा विसंगतियों को दूर किया जाएगा। अभी धार सहित देश-प्रदेश में विधानसभा-लोकसभा सीटों के क्षेत्रफल और आबादी यानी मतदाताओं में भारी विसंगति है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि धार में दो नई सीटें बन सकती हैं। इससे जहां मौजूदा विधायकों का गणित बिगड़ेगा, वहीं नए चेहरों को भी मौका मिलेगा। मुस्लिम वोट नहीं होंगे निर्णायक सूत्रों का कहना है कि धार जिले का परिसीमन विशेषज्ञता के साथ किया जाएगा कि किसी भी सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में नहीं रह सके।

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कांग्रेस-भाजपा के लिए चुनौती

पीथमपुर को नई विधानसभा बनने पर दोनों दलों को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी। कांग्रेस को संगठन खड़ा करने की चुनौती होगी, जबकि भाजपा को औ‌द्योगिक मजदूरों और ग्रामीण वोट बैंक के बीच संतुलन साधना पड़ेगा। अनुमान है कि नई सीट में ढाई से तीन लाख मतदाता होंगे, जिनमें मजदूर, कर्मचारी और ग्रामीण समाज की भूमिका निर्णायक रहेगी।

2026 के बाद होगा परिसीमन

संविधान संशोधन के तहत 2026 तक लोकसभा और विधानसभा सीटें बढ़ाने पर रोक है। लेकिन जनगणना 2026 के बाद नए आंकड़ों के आधार पर परिसीमन होगा। तब मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटें बढ़कर 280 तक हो सकती हैं, वहीं लोकसभा की 29 सीटें बढ़कर 35 से 40 तक पहुंचने का अनुमान है।

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पीथमपुर विधानसभा में आएंगे ये क्षेत्र

इस समय पीथमपुर धार विधानसभा का हिस्सा है, लेकिन औ‌द्योगिक इकाइयों, मजदूर बस्तियों और ग्रामीण अंचल की वजह से यहां मतदाताओं की संया लगातार बढ़ रही है। प्रस्तावित परिसीमन के बाद प्रीति नगर, अकोलिया, बरदरी, खेड़ा, सागौर कुटी और इंडोरामा सहित आसपास के क्षेत्र नई पीथमपुर विधानसभा में शामिल किए जा सकते हैं। धार का क्षेत्रफल और मतदाता घटेंगे, जबकि पीथमपुर की अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनेगी।

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