ग्रीन बजट पेश होने को एक ऐतिहासिक कदम बताया, जो राज्य की विकास यात्रा में मील का पत्थर होगा साबित: भजनलाल शर्मा

जयपुर
राजस्थान विधानसभा के सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास और सुशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने सदन में ग्रीन बजट पेश किए जाने को एक ऐतिहासिक कदम बताया, जो राज्य की सतत विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सिटीजन फर्स्ट' दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया है। इसमें गरीब, युवा, अन्नदाता और ज्ञान को केंद्र में रखकर नीतिगत फैसले लिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बजट प्रदेश के कल्याणकारी योजनाओं को मजबूती देने वाला है और समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के रुख पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब वित्त मंत्री ने सरकार का दूसरा बजट प्रस्तुत किया, तब प्रतिपक्ष के चेहरों पर असमंजस और उतार-चढ़ाव स्पष्ट दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष अगर प्रदेश के आमजन की खुशहाली की परवाह करता है, तो उसे बजट का सकारात्मक रूप से स्वागत करना चाहिए था।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राजस्थान की आर्थिक स्थिति लगातार सशक्त हो रही है और वर्ष 2025-26 तक राज्य की जीएसडीपी 19,89,835 करोड़ रुपये (230 बिलियन डॉलर) तक पहुंचने का अनुमान है। इसी प्रकार, 2028-29 तक जीएसडीपी 35,02,629 करोड़ रुपये (350 बिलियन डॉलर) तक पहुंचने की उम्मीद है। प्रदेश के विकास को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की जनता का विश्वास उनकी सरकार पर बना रहेगा और सभी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। उन्होंने विधानसभा में सभी माननीय सदस्यों को संविधान क्लब के क्रियाशील होने पर शुभकामनाएं भी दीं।

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हरित विकास की ओर बढ़ता राजस्थान
मुख्यमंत्री ने सदन में यह भी कहा कि पहली बार राज्य में ग्रीन बजट प्रस्तुत किया गया है, जो पर्यावरण-संवेदनशील योजनाओं को प्राथमिकता देगा। इससे प्रदेश में हरित ऊर्जा, जल संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के इन सकारात्मक कदमों से स्पष्ट है कि राजस्थान तेजी से आर्थिक और सामाजिक विकास की ओर अग्रसर है और आने वाले वर्षों में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा।

2030 तक आर्थिक लक्ष्य प्राप्त करने को प्रतिबद्ध राजस्थान सरकार, निवेश को बढ़ावा देने पर जोर
राजस्थान सरकार अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन और डबल इंजन की नीति के तहत 2030 तक निर्धारित आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति पूर्ण रूप से आश्वस्त है। वर्तमान आर्थिक वृद्धि दर के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य तय समय सीमा से पहले ही अपने विकास लक्ष्यों को हासिल कर लेगा। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सरकार की नीतियों का उद्देश्य केवल आर्थिक प्रगति ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाया गया है, जिससे उद्योगों को आवश्यक अनुमतियां और सेवाएं सुगमता से प्राप्त हो सकें।

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निवेश और कंप्यूटर इकोसिस्टम को मिलेगा बढ़ावा
राजस्थान सरकार ने कंप्यूटर इकोसिस्टम और आधुनिक तकनीक में निवेश को लेकर उद्यमियों को आमंत्रित किया है। इस पहल के तहत विभिन्न देशों के उद्योगों के प्रतिनिधियों और देश के अन्य राज्यों के उद्यमियों ने भी भाग लिया। सरकार ने छह महीने का विशेष ‘ग्रोथ एक्सीलेरेशन प्रोग्राम’ चलाया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। सरकार के प्रयासों से विभिन्न क्षेत्रों में 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश संभव हो पाया है। इससे प्रदेश में न केवल आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सतत विकास के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है और निवेश को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए नई योजनाएं भी लाई जा रही हैं। इसके साथ ही, प्रशासनिक सुधारों और नई औद्योगिक नीतियों के जरिये राजस्थान को एक मजबूत औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

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नवाचार और आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ता राजस्थान
राज्य सरकार का ध्यान केवल निवेश आकर्षित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह नवाचार, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा दे रही है। सरकार की डिजिटल और टेक्नोलॉजी ड्रिवन नीतियां राजस्थान को देश के अग्रणी औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने में सहायक होंगी। प्रदेश की विकास यात्रा को देखते हुए यह स्पष्ट है कि राजस्थान सरकार अपनी योजनाओं को समय से पहले पूरा करने में सफल होगी और 2030 तक राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

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