कला के लिये कोई बंधन नहीं होता, उसकी कोई सीमा नहीं होती: भंडारकर

पणजी,

बॉलीवुड के जाने-माने फिल्मकार मधुर भंडारकर का कहना है कि कला के लिये कोई बंधन नहीं होता, उसकी कोई सीमा नहीं होती, आप बस इससे जुड़ते हैं। भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 55वें संस्करण के आखिरी संवाददाता सम्मेलन में, सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज ओटीटी पुरस्कार 2024 की जूरी के सदस्यों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में मीडिया से बातचीत की।

जूरी के अध्यक्ष मधुर भंडारकर ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, “कला के लिये कोई बंधन नहीं होता। इसकी कोई सीमा नहीं होती। और आप बस इससे जुड़ते हैं। यह किसी भी भाषा में हो सकती है और मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छी बात है, जो आज दुनिया भर में हुई है। भावनाओं को समझने के लिये आपको किसी विशिष्ट भाषा के ज्ञान की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसमें भाषांतर भी होते हैं। इस प्रकार, भावनायें बहुत अच्छी तरह से जुड़ी हुई होती हैं।”

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शीर्ष 10 नामांकनों की सूची में से एक विजेता का चयन करने में आने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डालते हुए, जूरी के सदस्य कृष्णा हेब्बाले ने मजाक में कहा कि कोई घाव भले ही नहीं दिखा, लेकिन उन सभी दावेदारों ने अपने-अपने चयन के पक्ष में कड़ी लड़ाई लड़ी। जूरी के प्रत्येक सदस्य ने विचार-विमर्श के दौरान अपने मंतव्य पेश किये और पूरी ऊर्जा एवं दृढ़ विश्वास के साथ अपनी पसंद के पक्ष में तर्क दिये।

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मनोरंजन उद्योग में महत्वपूर्ण बदलावों को रेखांकित करते हुये, विशेष रूप से ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों के उदय की पृष्ठभूमि में आईएफएफआई (2023) के 54वें संस्करण में सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) पुरस्कार पेश किया गया था। इस पुरस्कार का उद्देश्य ओटीटी प्लेटफार्मों पर समृद्ध कंटेंट और उसके रचनाकारों को मान्यता प्रदान करना, उन्हें प्रोत्साहित करना तथा सम्मान देना है। इस वर्ष 10 प्रविष्टियां पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। आज शाम को आईएफएफआई के समापन समारोह में विजेता की घोषणा होने की उम्मीद है।

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