पहलगाम में हमला करने वाले TRF का पाक से सीधा नाता, UNSC में खुद किया साबित

 नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर मार डालने वाले आतंकी द रेजिस्टेंस फोर्स से जुड़े थे। यह आतंकी संगठन हाफिद सईद के ही लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है। इसे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फैलाने के लिए सईद ने गठित किया है और माना जाता है कि पाकिस्तान की सेना भी इसे खाद पानी देती है। लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है। फिर भी उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जो हरकत की है, उससे साबित होता है कि द रेजिस्टेंस फोर्स से उसका सीधा नाता है। इसके अलावा पहलगाम आतंकी हमले की साजिश में भी पाकिस्तानी सरकार या सेना सीधे तौर पर शामिल है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से पहलगाम हमले की निंदा करते हुए बयान जारी किया गया है, लेकिन उसमें आतंकी संगठन TRF का नाम शामिल नहीं है।

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इसकी वजह थी कि फिलहाल UNSC के अस्थायी मेंबर पाकिस्तान ने TRF का नाम शामिल न होने की जिद रख दी। उसके समर्थन में चीन उतर आया और फिर अमेरिका से भी लंबी जद्दोजहद कर पाकिस्तान ने TRF का नाम शामिल न कराने में सफलता पा ली। यदि पाकिस्तान का TRF या फिर आतंकी हमले से कोई ताल्लुक न होता तो वह उसके नाम को बयान में शामिल होने से रोकने के लिए इतनी खींचतान क्यों करता। एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान ने इसीलिए TRF का नाम शामिल न करने पर जोर दिया क्योंकि इससे संगठन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पड़ताल होती तो सीधा लिंक पाकिस्तान से ही जुड़ता, जो कि है। पाकिस्तान के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हर बार की तरह घिसी पिटी दलील देते रहे कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि द रेजिस्टेंस फोर्स का इस हमले में हाथ था।

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पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि पहलगाम पर बयान अमेरिका की ओर से तैयार किया गया था। इसमें यह बात शामिल थी कि हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली है, लेकिन फिर पाकिस्तान की जिद और चीन के समर्थन से उसे हटा दिया गया है। बता दें कि 2019 के हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी औऱ उसका नाम तब UNSC के बयान में शामिल किया गया था।
पहले पाकिस्तान मुकरा, अब TRF भी पलट गया; क्या है रणनीति

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यही नहीं पाकिस्तान सरकार की यह रणनीति ही है कि द रेजिस्टेंस फोर्स भी अब अपने दावे से मुकर रहा है। पहले उसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अब उसका कहना है कि यह हमला उसने नहीं कराया है। पुराने बयान को लेकर आतंकी संगठन का कहना है कि हमारे अकाउंट्स पर साइबर अटैक किया गया था। उसी के तहत यह गलत दावा किया गया। इससे साफ है कि पहले पाकिस्तान ने TRF का नाम संयुक्त राष्ट्र से हटवाया और अब उसे भी अपने दावे से पीछे हटने के लिए कहा है ताकि कोई ऐक्शन न हो। खासतौर पर इंटरनेशनल लेवल पर किरकिरी से बचा जा सके।

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