मियामी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने के अपने दावे को दोहराया है और युद्ध के दौरान गिराए गए लड़ाकू विमानों की संख्या सात से बढ़ाकर आठ कर दी है. उन्होंने कहा कि दोनों परमाणु-सशस्त्र देशों ने मई में "शांति स्थापित" तभी की जब ट्रंप ने अपने व्यापार समझौते रद्द करने की धमकी दी थी. उन्होंने मियामी में अमेरिका व्यापार मंच पर अपने बेतुके दावे को फिर दोहराया. अमेरिका बिजनेस फोरम पर उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मई वाली तनाव की कहानी दोहराई. लेकिन इस बार ट्विस्ट ये कि उन्होंने लड़ाई में गिराए गए फाइटर जेट्स की संख्या 7 से बढ़ाकर 8 करके लोगों को खूब जोश में अपनी बातें कहीं.
ट्रंप ने अपनी स्पीच में बड़े ही जोश के साथ बताया कि वो भारत-पाक के साथ ट्रेड डील पर बात कर रहे थे. अचानक अखबार में पढ़ा कि दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया. "मैंने सुना, 7 प्लेन शूट डाउन हो गए, और आठवां बुरी तरह घायल था. मतलब 8 प्लेन गिरे," ट्रंप ने कहा. उन्होंने जोर देकर कहा कि ये दो न्यूक्लियर नेशन थे, इसलिए मैंने साफ कह दिया- "ट्रेड डील भूल जाओ जब तक शांति न हो."
ट्रेड की धमकी ने कैसे बदला खेल?
ट्रंप ने आगे बताया कि दोनों देशों ने कहा, "ये ट्रेड से जुड़ा नहीं." लेकिन मैंने साफ ललकारा, "ये सब कुछ से जुड़ा है. तुम न्यूक्लियर पावर हो, युद्ध में रहोगे तो कोई डील नहीं." अगले ही दिन फोन आया- "हम शांति कर चुके." ट्रंप ने तालियां बजवाते हुए कहा, "थैंक यू, अब ट्रेड करते हैं. बिना टैरिफ के ये कभी न होता." उन्होंने इसे अपनी 'पीस थ्रू स्ट्रेंथ' पॉलिसी का हिस्सा बताया. ट्रंप ने ये भी जोड़ा कि उनके दूसरे टर्म में 8 महीनों में 8 युद्ध रोके जिसमें कोसोवो-सेरबिया, कांगो-रवान्डा समेत. भारत-पाक को भी इसमें गिना. लेकिन हकीकत ये है कि भारत ने कभी अमेरिकी दखल माना ही नहीं.
भारत ने नकारा, ट्रंप फिर भी अलाप रहे राग
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे का खंडन किया है और हमेशा कहा कि 10 मई को पाकिस्तानी कमांडरों द्वारा अपने भारतीय समकक्षों से आक्रमण रोकने की विनती करने के बाद युद्धविराम हुआ था. हालांकि, इसके बाद भी ट्रंप अपने अपने दावे को दोहराने से नहीं रुक रहे. वह मई से ही अपना दावा दोहरा रहे हैं कि अमेरिका की मध्यस्थता में लंबी रात की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत हुए हैं. रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के अपने दावे को कम से कम 60 बार दोहराया है, जबकि भारत ने लगातार वाशिंगटन के किसी भी हस्तक्षेप से इनकार किया है.


