किश्तवाड़
किश्तवाड़ में दो विलेज डिफेंस गार्ड्स की अगवा कर हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई थी. जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि इस इलाके में 3 से 4 आतंकवादी छिपे हैं. यह आतंकियों का वही ग्रुप है जिसने दो निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर दी थी.
विलेज डिफेंस गार्ड्स को अगवा कर मारा
इससे पहले किश्तवाड़ में गुरुवार (7 नवंबर 2024) को दो विलेज डिफेंस गार्ड्स की अगवा कर हत्या कर दी गयी थी. मृतकों की पहचान नसीर अहमद और कुलदीप कुमार के रूप में हुई थी. दोनों का शव 12 घंटे के गहन तलाशी अभियान के बाद शुक्रवार को कुंतवाड़ा जंगल के अंदर एक नाले के पास मिला. शवों का पोस्टमार्टम किया गया तो इस बात की पुष्टि हुई कि उनके सिर में पीछे से गोली मारी गई थी. अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी और उनके हाथ उनकी पीठ पर बंधे हुए थे.
घटना के बाद सेना ने बढ़ाई घेराबंदी
लोगों ने सड़कों पर उतरकर इस घटना पर विरोध प्रदर्शन किया था. जम्मू में पाकिस्तान से सटे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात ग्राम रक्षा गार्ड रोजाना की तरह सुरक्षा बलों के साथ ड्यूटी करते हैं. इस घटना के बाद थलसेना की व्हाइट नाइट कोर के कमांडर ने हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने के लिए जारी अभियानों की समीक्षा की.
इस जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की तलाश के लिए सेना की ओर से घेराबंदी बढ़ाने के लिए शनिवार (9 नवंबर 2024) को इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था. मृतक नजीर अहमद के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे और एक बेटी के अलावा एक दिव्यांग भाई है, जबकि कुलदीप कुमार के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है. जब दोनों अपने मवेशियों को चराने के लिए वन क्षेत्र में गए तभी आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाया.