संयुक्त राष्ट्र एक पुराना बिजनेस है, जो जगह काफी ले रहा है, लेकिन दुनिया के मुताबिक बदल नहीं रहा है: विदेश मंत्री जयशंकर

नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को दुनिया के लिए परमाणु बम जिनता खतरनाक बताते हुए कहा कि तेजी से उभर रही यह टेक्नोलॉजी पूरी दुनिया को अगले दशक में गहराई तक प्रभावित करेगी।
नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ और वित्त मंत्रालय की साझेदारी में आयोजित कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि एआई आने वाले समय में काफी बढ़ने वाला है और देशों को इसके प्रभावों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह वैश्विक इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण कारक बनने जा रहा है। दुनिया के लिए "एआई कुछ इतना खतरनाक होगा, जितने एक समय पर परमाणु बम थे"।

ये भी पढ़ें :  सरकार ने इकोनॉमिस्ट पूनम गुप्ता को रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर किया नियुक्त, तीन साल का रहेगा कार्यकाल

विदेश मंत्री ने कहा कि जनसांख्यिकी, कनेक्टिविटी और एआई वैश्विक व्यवस्था को बदल देंगे। अगले दशक में वैश्वीकरण को हथियार बनाया जा सकता है और दुनिया को इसे लेकर सतर्क रहना चाहिए। दुनिया में कई लोग इसे बेरोजगारी और क्रांति के अन्य नकारात्मक प्रभावों के लिए दोषी मानते हैं। विदेश मंत्री ने कहा, "वैश्वीकरण पर सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया ने पिछले दशक में गति पकड़ी है। वैश्वीकरण की वास्तविकताएं अनिवार्य रूप से संरक्षणवाद से टकराती हैं।" जयशंकर ने आगे कहा कि आज के युग में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका केवल एक दर्शक की रह गई है। उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र एक पुराना बिजनेस है, जो जगह काफी ले रहा है, लेकिन दुनिया के मुताबिक बदल नहीं रहा है।"

ये भी पढ़ें :  छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी कामयाबी, अबूझमाड़ में 7 नक्सली ढेर

मध्य पूर्व के देशों में चल रहे संघर्ष पर जयशंकर ने कहा कि आज के समय में लड़ाई केवल आर्थिक गलियारा, जमीन और समुद्र के लिए हो रही है, लेकिन भविष्य में लड़ाइयां जलवायु परिवर्तन के लिए भी होंगी।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment