मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में तीर्थाटन की परंपरा का हो रहा संरक्षण- राज्य मंत्री लोधी

तिरुपति, रामेश्वरम, कामाख्या, द्वारका, वैष्णोदेवी, जगन्नाथपुरी और अयोध्या में होंगे तीर्थ दर्शन

भोपाल
संस्कृति, पर्यटन तथा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के विशेष प्रयास किए जा रहे है। साथ ही प्रदेश में तीर्थाटन की परंपरा को संरक्षित और प्रोत्साहित करते हुए एवं प्रदेश के बुजुर्गों को तीर्थयात्रा का लाभ दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना का संचालन किया जा रहा है। ‘‘मध्यप्रदेश तीर्थ-दर्शन योजना’’ केवल धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह परिवार और समाज में बुजुर्गों के सम्मान को पुनर्स्थापित करने का महत्त्वपूर्ण प्रयास है। इसका अगला चरण 13 नवंबर 2025 से प्रारंभ होकर 29 मार्च 2026 तक चलेगा। पहली यात्रा श्री तिरुपति तीर्थ के लिए 13 नवंबर को जबलपुर से रवाना होगी। पांच महीनों में प्रदेश के बुजुर्गों को तिरुपति, रामेश्वरम, कामाख्या, द्वारका, वैष्णोदेवी, जगन्नाथपुरी और अयोध्या में तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे।

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राज्य मंत्री श्री लोधी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से वरिष्ठ नागरिकों के समूह देश के प्रमुख तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए भेजे जाएंगे धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा संबंधित जिलों के कलेक्टर्स को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए है। योजना उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है तथा वे आयकर-दाता नहीं हैं। महिलाओं को आयु सीमा में 2 वर्ष की छूट दी गई है। इच्छुक आवेदक अपने आवेदन तहसील, स्थानीय निकाय, जनपद कार्यालय अथवा कलेक्टर द्वारा निर्धारित स्थानों पर जमा कर सकते हैं।

राज्य मंत्री श्री लोधी ने बताया कि यात्रियों का अंतिम चयन संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। किसी जिले में निर्धारित कोटे से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो यात्रियों का चयन कम्प्यूटरीकृत लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। यात्रियों की स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से ट्रेन में डॉक्टर और सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए जायेंगे। उन जिलों में जहाँ ट्रेन का स्टॉपेज या स्टेशन नहीं है वहाँ के यात्रियों को बोर्डिंग स्टेशन तक लाने को व्यवस्था संबंधित जिलों के कलेक्टर्स करेंगे। राज्य मंत्री श्री लोधी ने सभी यात्रियों से आग्रह किया है कि मौसम के अनुरूप वस्त्र, ऊनी वस्त्र, कंबल, चादर, तौलिया, साबुन और आवश्यक दवाइयां जैसी व्यक्तिगत उपयोग की सामग्री अपने साथ रखें।

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IRCTC करेगा यात्रा का प्रबंधन
योजना का क्रियान्वयन भारत सरकार के उपक्रम IRCTC (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के द्वारा किया जा रहा है। यात्रा के दौरान IRCTC द्वारा पेयजल, भोजन, नाश्ता और चाय उपलब्ध कराई जाएगी। यात्रियों के रुकने की व्यवस्था, उन्हें तीर्थ स्थल तक बसों द्वारा ले जाने और वापस ट्रेन तक लाने की जिम्मेदारी भी IRCTC की होगी। सभी तीर्थ यात्रियों के लिए अपने साथ ओरिजिनल आधार कार्ड या वोटर कार्ड रखना अनिवार्य है।

राज्यमंत्री श्री लोधी ने बताया कि ‘‘मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना’’ उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए संबल है, जो तीर्थयात्रा की इच्छा तो रखते हैं परंतु आर्थिक या स्वास्थ्यगत कठिनाइयों के कारण यात्रा करने में असमर्थ होते हैं।  यह योजना धार्मिक आस्था को सम्मान देती है और बुजुर्गों को आध्यात्मिक आनंद के साथ सामाजिक सुरक्षा का विश्वास भी प्रदान करती है। राज्य मंत्री श्री लोधी ने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा आध्यात्मिक पर्यटन के विस्तार के लिए निरंतर अधोसंरचना उन्नयन, तीर्थस्थलों के सौंदर्यीकरण, स्वच्छता सुविधाओं के विस्तार और यात्रा मार्गों के विकास पर कार्य कर रही है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुगमता मिल रही है, बल्कि धार्मिक पर्यटन को आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी सशक्त बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के ये प्रयास आने वाले समय में मध्यप्रदेश को ‘‘आध्यात्मिक पर्यटन के अग्रणी राज्य’’ के रूप में और अधिक प्रतिष्ठा दिलाएँगे।

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