नए साल की शुरूआत होते ही केंद्र सरकार ने हाईवे और एक्सप्रेसवे पर साइन बोर्डों के लिए नए दिशा-निर्देश लागू किए

नई दिल्ली
नए साल की शुरूआत होते ही केंद्र सरकार ने हाईवे और एक्सप्रेसवे पर साइन बोर्डों के लिए नए दिशा-निर्देश लागू किए हैं। ये दिशा-निर्देश 24 जनवरी से प्रभावी होंगे, जिनका उद्देश्य सड़क उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट, मानकीकृत और समय पर जानकारी प्रदान करना है। इन परिवर्तनों के जरिए दुर्घटनाओं को कम करने और यातायात को अधिक सुव्यवस्थित बनाने की कोशिश की जा रही है।

स्पीड लिमिट और चेतावनी संकेतक
नई व्यवस्था के तहत रंबल स्ट्रिप्स जैसे संभावित खतरनाक स्थानों से पहले संकेतक लगाए जाएंगे, ताकि ड्राइवर को अपनी गति समायोजित करने का समय मिल सके। स्पीड लिमिट की जानकारी हर पांच किलोमीटर पर साइन बोर्डों के माध्यम से दी जाएगी। इन बोर्डों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वाहन चालकों के लिए पढ़ना और समझना आसान हो।

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मानकीकरण और एकरूपता
सड़क परिवहन मंत्रालय ने साइन बोर्डों पर उपयोग किए जाने वाले अक्षरों और संख्याओं के आकार और रंग को मानकीकृत कर दिया है। इस कदम से संकेतकों की एकरूपता बढ़ेगी और उन्हें समझने में आसानी होगी। साथ ही, अलग-अलग वाहनों की गति सीमा को एक ही बोर्ड पर स्पष्ट रूप से दर्शाने की व्यवस्था की गई है।

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No parking और पैदल यात्री सुरक्षा
दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए "नो पार्किंग" बोर्ड हर पांच किलोमीटर पर लगाए जाएंगे। इसके अलावा, पैदल यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, क्रॉसिंग की जानकारी पहले से देने की व्यवस्था की गई है।

समग्र सुरक्षा के प्रयास
इन दिशा-निर्देशों को तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय अनुभवों और सड़क सुरक्षा के आंकड़ों का गहराई से अध्ययन किया। इसके आधार पर मार्ग संकेतकों को तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया: अनिवार्य, चेतावनी और सूचना संबंधी संकेतक।

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