पर्यटकों को सौगात : छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट में अब पर्यटकों को मिलेगी बोटिंग की भी सुविधा

 

 

उर्वशी मिश्रा, रायपुर, 20 फ़रवरी, 2023

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में विंध्य पर्वतमाला पर समुद्रतल से लगभग 3781 फीट की ऊंचाई पर बसे मैनपाट को ‘छत्तीसगढ़ का शिमला ‘ कहा जाता है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, समुद्र तल से ऊंचाई एवं मनोरम स्थल व शरद ऋतु में बर्फ़बारी शिमला का अनुभव कराती है। ठंड और बारिश के दिनों में मैनपाट का सौंदर्य अपने चरम पर होती है, इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। पहाड़ से निकलती टेढ़े-मेढ़े रास्ते और अलग-अलग पहाड़ियों से नीचे का वृहग दृश्य देखते ही बनता है। ऊँची-ऊँची पहाड़ियाँ एवं चारों ओर से वनों से घिरा हुआ हरियाली, बहते झरने एवं नदियां लोगों को अपनी ओर खींच लेती है। गर्मी के दिनों में भी ठंडी का मौसम होने के कारण सैलानियों का पसंदीदा स्थान होता है। मैनपाट से ही रिहन्द और मांड नदी का उद्गम हुआ है।

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वन विभाग द्वारा अर्दन डेम निर्माण कर टूरिस्ट पॉइंट के रूप में की जा रही विकसितमैनपाट के पर्यटन पॉइंट में जल्द एक नाम और जुड़ने वाला है जहा पर्यटक बोटिंग का आनंद ले सकेंगे। ग्राम पंचायत रोपखार अंतर्गत बॉयो डाइवर्सिटी पार्क के आगे भूतईया नाला में वन विभाग द्वारा अर्दन डेम का निर्माण कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है वही इस डेम के बनने से किसानों को सिंचाई सुविधा भी मिलेगी। इस डेम से करीब 800 मीटर की दूरी पर घने जंगलों के बीच भूतईया झरना भी है जो करीब 50 फूट की ऊंचाई से प्रकृति की नीरव गोद मे गिरती है और सुंदर नाद करते हुए नीचे बह जाती है। डेम से इस झरने तक पहुंच मार्ग बन जाये तो पर्यटक प्रकृति के इस मनोरम दृश्य का आसानी से दीदार कर सकेंगे और अच्छा पर्यटन स्थल बन सकता है।

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बॉयो डायवर्सिटी पार्क के पास भूतईया नाला का उदगम स्थल है जहाँ से पानी बारहों माह निकल कर नाला के रूप में बहता है। वन विभाग द्वारा यहां करीब एक करोड़ 85 लाख रुपये की लागत से अर्दन डेम का निर्माण करीब एक वर्ष से करा रहा है। उन्होंने बताया कि उद्गम स्थल के पास नाला काफी संकरा था जिसे खुदाई कर चौड़ीकरण व गहरीकरण कराया गया है। अब इस नाला में करीब 40 फुट पानी भरा है। भूतिया नाला के इस स्थान को पर्यटन पॉइंट एवं बोटिंग क्लब के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। उन्होंने बताया कि इस डेम के बनने से ग्राम सुपलगा और बिसरपानी के किसानों को खेती के लिये सिंचाई की सुविधा मिलेगी वही पर्यटन बढ़ेगा तो स्थानीय लोगां को रोजगार भी मिलेगा। ग्राम बिसरपानी के ओंकार नाथ यादव एवं रोपखार के अजित एक्का ने बताया कि इस डेम के बनने से सुपलगा व बिसरपानी तक नहर से पानी किसानों के खेत तक पहुंच जाएगा जिससे किसानों को फायदा होगा। साथ ही पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से सड़क बन जाएगा। लोग भ्रमण के लिए आएंगे तो स्थनीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसलिए इस डेम का कई मायनों में महत्व बढ़ेगा।

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