इजरायल का G7 ने किया खुलकर सपोर्ट, कहा- ईरान किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार नहीं रख सकता

ओटावा

पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध को लेकर अब डोनाल्ड ट्रंप का नया बयान सामने आया है। जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने कनाडा पहुंचे अमेरिका के राष्ट्रपति ने खुलकर इजरायल के पक्ष में अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि इजरायल के खिलाफ लड़ाई में ईरान कभी नहीं जीत पाएगा। इससे पहले की बहुत देर हो जाए तेहरान को बातचीत करने के लिए आगे आ जाना चाहिए।

मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "यह युद्ध दोनों पक्षों के लिए दर्दनाक साबित हो रहा है। मैं कहूंगा कि ईरान इस युद्ध को कभी नहीं जीत सकता.. उन्हें इसके लिए समझौता करना होगा.. उन्हें बातचीत करनी होगी.. और उन्हें यह तुरंत करना चाहिए। इससे पहले की बहुत देर हो जाए।"

इजराइल-ईरान संघर्ष (Israel-Iran Tensions) मंगलवार को अपने पांचवे दिन में दाखिल हो गया है. सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को दोनों देशों एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी. इसी बीच भारत ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए मिशन रेस्क्यू शुरू कर दिया है. 110 भारतीयों का पहला जत्था ईरान से आर्मीनिया पहुंच गया है, जहां से इन सभी लोगों को भारत वापस लाया जाएगा. इसके अलावा भारत के विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजरायल में रह रहे भारतीय नागरिकों को लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं.

ईरान को कभी नहीं बनाने देंगे परमाणु हथियार… G7 समिट से आ गई तेहरान के लिए चेतावनी

कनाडा में चल रही G7 समिट में विश्व के शीर्ष नेताओं ने इजरायल-ईरान युद्ध को लेकर एक साझा बयान जारी किया, जिसमें तेहरान को सख्त चेतावनी दी गई है कि उसे कभी भी परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित G7 देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को कम करने की अपील की है, साथ ही इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है. यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इजरायल और ईरान के बीच युद्ध पांचवें दिन भी जारी है, और दोनों देशों के बीच मिसाइलों और ड्रोनों का आदान-प्रदान बढ़ता जा रहा है.

इसे पहले कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर मिडिल ईस्ट संकट पर चिंता जताई है. जी7 नेताओं ने ईरान को लेकर तनाव कम करने की अपील की है और स्पष्ट किया कि इजरायल को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है. बयान में यह भी कहा गया कि G7 देशों का रुख हमेशा से साफ रहा है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर सकता. इसके अलावा जी7 नेताओं ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया.

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वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की कोशिश की. उन्होंने कहा कि मिसाइल उनके बेडरूम की खिड़की से टकराई. उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाना जारी रखने की कसम खाई है. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने राष्ट्रीय एकता की अपील की. वहीं, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने इजरायल पर आवासीय इलाकों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए 'कड़ी सजा' की धमकी दी है. इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि तेहरान को जल्द ही इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

इससे पहले जी 7 समूह ने इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के ऊपर एक मसौदा बयान जारी किया था। इसमें सभी सदस्यों का झुकाव इजरायल की तरफ देखा गया। हालांकि कई रिपोर्टों में कहा गया है कि अमेरिका ने इस बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप इस मसौदा बयान के ऊपर हस्ताक्षर नहीं करना चाहते और न ही वह ऐसा करेंगे। जब इसके बारे में पत्रकारों ने पूछा तो अमेरिका राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान बातचीत चाहता है लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें इस पर जल्दी आना चाहिए।

इससे पहले इजरायल ने पिछले शुक्रवार को ईरान के ऊपर परमाणु हथियार बनाने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया था। ईरान की तरफ से दावा किया गया कि इजरायल ने सैकड़ों फाइटर जेट्स के साथ राजधानी तेहरान और उसके तमाम सैन्य ठिकानों पर हमला बोला। इजरायल का हमला इतना सटीक था कि इस हमले में ईरान के तमाम सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। रात में शुरू हुए इस हमले के बाद सुबह तक तेहरान के आसमान में इजरायली फाइटर जेट्स उड़ते रहे।

इसका जवाब देते हुए इस्लामिक गणराज्य ने तमाम ड्रोन्स और मिसाइल्स के साथ इजरायल के ऊपर हमला कर दिया। यह हमला इतना भयानक और तेज था कि अपने एयर डिफेंस के लिए पहचाने जाने वाले इजरायल को भी इन्हें रोकना मुश्किल पड़ गया। इजरायल के तमाम शहरों में इमारतों को नुकसान हुआ। बदले में इजरायल ने एक बार फिर से ईरान के ऊपर हमला किया। ईरान मानवाधिकार समूहों के मुताबिक इजरायल की तरफ से की जा रही इन स्ट्राइक्स में अभी तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इजरायल का कहना है कि ईरानी हमलों में उसके 11 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई घायल है। पिछले चार दिनों से दोनों देशों के बीच में इसी तरह की तनातनी मची हुई है।

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 ईरान से आर्मीनिया पहुंचा 110 भारतीयों का पहला जत्था

भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए मिशन शुरू कर दिया है. इसी बीच जानकारी आ रही है कि 110 भारतीयों का पहला जत्था ईरान से आर्मीनिया पहुंच गए हैं, जहां से इन सभी नागरिकों को भारत वापस लाया जाएगा. इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय ने युद्धग्रस्त ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया थे. साथ ही MEA ने इजरायल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एक गाइडलाइन जारी की थी. 

'किसी भी कीमत पर ईरान नहीं रख सकता परमाणु हथियार…', ईरान-इजरालय संघर्ष पर G7 का बड़ा बयान

कनाडा में आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले जी7 नेताओं ने खुलकर इजरायल का सपोर्ट किया है. जी7 नेताओं का कहना है कि ईरान किसी भी कीमत पर न्यूक्लियर बम नहीं रख सकता. साथ ही जी7 ने ईरान को नसीहत देते हुए तनाव कम करने की अपील की है. जी7 नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा हक है, लेकिन ईरान किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार नहीं रख सकता. इस बारे में कई बार स्पष्ट कर चुके हैं.

बयान में आगे कहा गया है, 'हम अपील करते हैं कि ईरानी संघर्ष के समाधान से मिडिल ईस्ट में शत्रुता में व्यापक कमी आए, जिसमें गाजा में सीजफायर भी शामिल है.'
 

 ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच चीन का बड़ा बयान

चीन ने ईरान-इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष को रोकने के लिए मध्यस्थता का प्रपोजल दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बताया कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने वीकेड में इजरायल के विदेश मंत्री से फोन पर बात की, जिसमें उन्होंने ईरान और इजरायल दोनों से बातचीत के जरिए अपने मतभेदों को सुलझाने की अपील की है.

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उन्होंने ये भी कहा कि चीन ने मौजूदा ईरान-इजरायल संघर्ष को सुलझाने में अपनी भूमिका निभाता रहेगा. चीन ने हमेशा राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से ईरान के परमाणु मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है, वह संबंधित पक्षों के साथ संवाद और समन्वय बनाए रखने, स्थिति को शांत करने में रचनात्मक भूमिका निभाने और ईरानी परमाणु मुद्दे के राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा बाहरी माहौल बनाने के लिए तैयार है.

ईरान से भारतीयों को निकालने का ऑपरेशन शुरू

भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करने का काम शुरू कर दिया है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, कुछ भारतीयों का पहला जत्था आज रात आर्मीनिया पहुंच जाएगा. जहां से सभी को भारत वापस लाया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि पहले जत्थे में करीब 100 भारतीय शामिल हैं. 
 

भारतीय नागरिकों के लिए MEA ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव और क्षेत्र में अस्थिरता को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं. विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किया है, ताकि ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके. 

ये कंट्रोल रूम ईरान और इजरायल में चल रहे ताजा घटनाक्रमों पर नजर रखने और प्रभावित भारतीय नागरिकों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए बनाया गया है.

कंट्रोल रूम नंबर

    1800118797 (टोल फ्री)  
    +91-11-23012113  
    +91-11-23014104  
    +91-11-23017905  
    +91-9968291988 (व्हाट्सएप)  

ईमेल: situationroom@mea.gov.in

इसके अलावा MEA ने ईरान की राजधानी तेहरान में भारतीय दूतावास ने भी 24×7 आपातकालीन हेल्पलाइन शुरू की है. ये हेल्पलाइन विशेष रूप से उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो वर्तमान में ईरान में हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता है. दूतावास ने कॉल और व्हाट्सएप के लिए अलग-अलग नंबर जारी किए हैं.

केवल कॉल के लिए

1. +98 9128109115, +98 9128109109

व्हाट्सएप के लिए

2. +98 901044557, +98 9015993320, +91 8086871709
3. बंदर अब्बास: +98 9177699036
4. जाहेदान: +98 9396356649
 

ईमेल: cons.tehran@mea.gov.in

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