बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के अंतिम कार्यक्रम में बालिकाओं को मिला डिजिटल सुरक्षा का सशक्त कवच

खेल और संवाद के माध्यम से बालिकाएं हुईं साइबर जागरूक, खोंगापानी के आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में हुआ सफल समापन

एमसीबी

जिले में ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत आयोजित अंतिम जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आदर्श विद्या मंदिर हायर सेकेंड्री स्कूल, खोंगापानी में ‘ऑनलाइन सुरक्षा एवं साइबर जागरूकता’ विषय पर विशेष सत्र का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य बालिकाओं को साइबर अपराधों और डिजिटल खतरों से सचेत करते हुए उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त बनाना था।

इस कार्यक्रम का संचालन जिला कलेक्टर एवं दंडाधिकारी डी. राहुल वेंकट के निर्देश तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी आर.के. खाती के मार्गदर्शन में किया गया। पुलिस अधीक्षक चन्द्र मोहन सिंह का आयोजन में सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम की रूपरेखा मिशन शक्ति के अंतर्गत जिला मिशन समन्वयक श्रीमती तारा कुशवाहा के नेतृत्व में तैयार की गई, जिन्होंने बालिकाओं के लिए इस सत्र को संवादात्मक, सरल और ज्ञानवर्धक रूप में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य सत्र में पुलिस विभाग की श्रीमती उषा राजवाड़े ने बालिकाओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी, डेटा चोरी, बैंकिंग फ्रॉड, रैनसमवेयर, सॉफ्टवेयर हैकिंग, डी-डॉस अटैक और साइबर जासूसी जैसे जटिल साइबर खतरों से अवगत कराया। उन्होंने सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग, पहचान गोपनीयता, पासवर्ड सुरक्षा जैसे विषयों पर व्यवहारिक उदाहरणों सहित मार्गदर्शन दिया।

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इसी क्रम में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रतिनिधि श्रीमती अंजनी यादव (पी.एल.वी.) ने बालिकाओं को कानूनी अधिकारों, आत्मरक्षा तकनीकों और साइबर शोषण से बचाव के उपायों की जानकारी दी। उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की महत्ता समझाते हुए बालिकाओं को किसी भी आपात स्थिति में निःसंकोच मदद लेने का आह्वान किया। कार्यक्रम में वित्तीय साक्षरता समन्वयक श्रीमती अनीता कुमारी साह ने सरकार द्वारा चलाई जा रही महिला कल्याणकारी योजनाओं जैसे दृ नोनी सुरक्षा योजना, सक्षम योजना, सखी निवास, शक्ति सदन, नारी अदालत, महतारी वंदन योजना, मातृ वंदन योजना और नवा बिहान योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने योजनाओं के लाभों को बालिकाओं की भाषा में सरल रूप से समझाकर उनके आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा स्पष्ट की। वहीं आर.के. खाती ने बालिकाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों, डिजिटल साक्षरता, आत्मरक्षा कौशल और शिक्षा के महत्व पर विस्तार से संबोधित किया।

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उन्होंने कहा “आज की बेटियाँ तकनीकी जागरूकता, आत्मबल और शिक्षा के माध्यम से समाज की संरचना को बदलने की शक्ति रखती हैं। यह जिम्मेदारी हम सबकी है कि उन्हें सुरक्षित, सशक्त और जागरूक बनाया जाए।” इस आयोजन में विद्यालय के समस्त शिक्षक टीवीवीरेंद्र बहादुर सिंह, ह्रदय नारायण सिंह, विश्व जीत आचार्य, अनिल कुमार त्रिपाठी सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। बालिकाओं ने पूरे सत्र में गहरी रुचि दिखाई, प्रश्न पूछे, अपनी जिज्ञासाएं साझा कीं और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया।

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कार्यक्रम का समापन सभी विद्यार्थियों के साथ रोचक खेलों के आयोजन और बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामनाओं के साथ हुआ। यह आयोजन न केवल बालिकाओं को डिजिटल खतरों से सजग बनाने में सफल रहा, बल्कि उनके भीतर आत्मरक्षा और आत्मविश्वास का भाव भी सुदृढ़ करने वाला सिद्ध हुआ। इस अंतिम कार्यक्रम ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान की सफलता को एक नए शिखर पर पहुँचाया और जिले में बालिकाओं के डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में अपनी पहचान दर्ज कराई।

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