Ram Mandir : राम मंदिर का अनुष्‍ठान आज से, प्रायश्चित पूजा से शुरू होगा प्राण प्रतिष्ठा पूजन, जानिए 22 जनवरी तक का कार्यक्रम

 

आध्यात्मिक डेस्क, न्यूज राइटर, 16 जनवरी, 2024

अयोध्‍या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विधवत पूजा अनुष्ठान आज से शुरू होने वाला है। सबसे पहले प्रायश्चित पूजा से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की विधवत शुरुआत होगी। बता दें कि सुबह 9:30 बजे से पूजन पद्धति शुरू होगी, जो लगभग अगले 5 घंटे तक चलेगी। इसमें यजमान प्रायश्चित पूजन से पूजा की शुरुआत करेंगे।

 

क्‍या होती है प्रायश्चित पूजा

प्रायश्चित पूजा पूजन की वह विधि होती है, जिसमें शारीरिक जिसमें शारीरिक, आंतरिक, मानसिक और बाह्य इन तीनों तरीके का प्रायश्चित किया जाता है। जानकारों के मुताबिक वाह्य प्रायश्चित के लिए 10 विधि स्नान करते हैं। इसमें पंच द्रव्य के अलावा कई औषधीय व भस्म समेत कई सामग्री से स्नान करते हैं।

ये भी पढ़ें :  आप ने भाजपा पर लगाया आरोप, सांसदों और कर्मचारियों के पते पर बनवाए हजारों फर्जी वोटर कार्ड

गोदान भी प्रायश्चित का आधार

एक और प्रायश्चित गोदान भी होता है और संकल्प भी होता है। इसमें यजमान गोदान के माध्यम से प्रायश्चित करता है। कुछ द्रव्य दान से भी प्रायश्चित होता है, जिसमें स्वर्ण दान भी शामिल है।

कौन करता है प्रायश्चित पूजा

किसी पुनीत कार्य को करने के लिए अनुष्‍ठान या यज्ञ किया जाता है। उसमें बैठने का अधिकारी यजमान ही होता है। यह कर्म यजमान को करना होता है। पंडित को सामान्यतः नहीं करना पड़ता है, लेकिन इस तरह के प्रायश्चित कर्म को यजमान को करना होता है। इसके पीछे मूल भावना यह है कि जितने भी तरीके का पाप जाने अनजाने में हुआ हो उसका प्रायश्चित किया जाए, क्योंकि हम लोग कई प्रकार की ऐसी गलतियां कर लेते हैं, जिसका हमें अंदाजा तक नहीं होता, तो एक शुद्धिकरण बहुत जरूरी होता है। इसको हम पवित्री करण भी कह सकते हैं।

ये भी पढ़ें :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में 6,100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ किया

 

कितना समय लगेगा

प्रायश्चित पूजन में कम से कम डेढ़ से 2 घंटे लगेंगे और विष्णु पूजन में भी इतना ही वक्त लगेगा। मतलब पूजा विधि आज सुबह 9:30 बजे शुरू होगी और लगभग 5 घंटे तक पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहेगा। 121 ब्राह्मण इस पूजा अर्चना को करेंगे।

एक नजर में जानें कब क्‍या होगा?

ये भी पढ़ें :  जम्मू-कश्मीर में शीतलहर जारी, पहलगाम में पारा माइनस 10 डिग्री तक पहुंचा

16 जनवरी से पूजन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। 17 जनवरी को श्रीविग्रह का परिसर भ्रमण और गर्भगृह का शुद्धिकरण। 18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ। दोनों समय जलाधिवास, सुगंध और गंधाधिवास भी होगा। 19 जनवरी को प्रातः फल अधिवास और धान्य अधिवास होगा। 20 जनवरी की सुबह में पुष्प और रत्न व शाम को घृत अधिवास का कार्यक्रम होगा। 21 जनवरी की सुबह शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास व औषधि और शैय्या अधिवास किया जाएगा। 22 जनवरी को मध्य दिवस में रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी हटायी जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment