एक जिला-एक उत्पाद और निर्यात प्रोत्साहन कार्यशाला में हुए शामिल
रीवा शहर में बनेगा हाट बाजार
भोपाल
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि कुटीर उद्योगों की अधिक से अधिक स्थापना एवं स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित कर रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। स्थानीय उद्यमियों को उनके द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों की बाजार उपलब्धता से उनकी आर्थिक समृद्धि भी बढ़ेगी। उप मुख्यमंत्री एक जिला-एक उत्पाद और निर्यात प्रोत्साहन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक समृद्धि शिक्षा स्वास्थ्य और स्वरोजगार पर निर्भर रहती है। हमारा देश तेजी से आत्मनिर्भर बनकर आर्थिक तौर पर समृद्ध हुआ है। स्व सहायता समूहों एवं स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षण देकर बनाए जा रहे उत्पादों को उच्च गुणवत्ता का बनाने में मदद करने की जिम्मेदारी एमपीआईडीसी की है जिससे प्रशिक्षित होकर कारीगर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद निर्मित कर सकें और उनका बाजार में अच्छा मूल्य मिले। उप मुख्यमंत्री ने एमपीआईडीसी के अधिकारियों की इस बात के लिए सराहना की कि उन्होंने बैम्बो लेडी ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध नीरामोई शर्मा को असम से रीवा कार्यशाला में आमंत्रित किया। उनकी प्रशिक्षण संबंधी जानकारी से स्थानीय बांस बनाने वाले कारीगर व अन्य उद्यमी लाभ ले सकेंगे। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि रीवा में व्यंकट भवन के पास शीघ्र ही हाट बाजार का निर्माण कराया जाएगा, जहाँ स्थानीय उत्पादक अपने उत्पादों को बिक्री के लिए प्रदर्शित कर सकेंगे। उन्होंने अपेक्षा की कि एक जिला-एक उत्पाद के साथ ही स्थानीय उद्यमों के कुटीर उद्योग के जाल बिछें और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इससे जुड़कर लाभान्वित हो सकें।
असम की बैम्बो ऑफ लेडी नीरामोई शर्मा ने बांस से बनाए गए गहनों सहित अन्य उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बांस की निर्मित वस्तुओं में कम बांस के उपयोग से अधिक आय प्राप्त हो सकती है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपेक्षा की कि बांस लगाकर इससे लाभ प्राप्त करें और प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें। उन्होंने कहा कि बांस कम समय में उत्पादित हो जाता है और उससे आक्सीजन भी पर्याप्त मात्रा में मिलती है।
कार्यशाला में वन मण्डलाधिकारी श्री लोकेश नागपुरे ने बताया कि आने वाले वर्ष में जिले में बांस की प्रचुर मात्रा में कटाई की जाएगी जिससे यहाँ पर्याप्त संख्या में इसकी उपलब्धता रहेगी। उन्होंने बताया कि गत वर्षों में 175 किसानों ने 2 लाख 64 हजार बांस अपने खेतों व अन्य जमीनों में लगाए हैं जिसके लिए उन्हें शासन द्वारा सब्सिडी भी दी गई है। एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक श्री यूके तिवारी ने बताया कि लोकल टू ग्लोबल के उद्देश्य से स्थानीय उत्पाद एवं एक जिला-एक उत्पाद को देश और विदेश में पहचान दिलाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है। स्थानीय कारीगरों को उत्पाद के लिए प्रशिक्षित करने और उनको बाजार उपलब्ध कराकर समृद्धशाली बनाने में कार्यशाला उपयोगी सिद्ध होगी।
कार्यशाला में महाप्रबंधक उद्योग श्री जेपी तिवारी, अग्रणी जिला प्रबंधक श्री जगमोहन, वूमन इंटरप्रेन्योर श्रीमती चेतना मिश्रा, स्टार्टअप प्रतिनिधि सुश्री संजना सिंह, एमपीआईडीसी भोपाल की प्रतिनिधि सुश्री शैलजा सोनी सहित युवा उद्यमियों ने अपने विचार व्यक्त किए। दिल्ली से वालमार्ट के प्रतिनिधि श्री नीत नेगी ने वालमार्ट से जुड़कर बाजार उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला में श्री कमल सचदेवा, श्री दिलीप सिंह, श्री राजगोपाल मिश्र चारी, श्री विवेक दुबे सहित उद्यमी, महिला उद्यमी व स्थानीयजन उपस्थित रहे।


