नई दिल्ली
अमेरिकी रक्षा और एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) ने ऐलान किया है कि वह 2028 तक अंतरिक्ष में अपने ‘स्पेस-बेस्ड मिसाइल इंटरसेप्टर’ का असली परीक्षण करेगा. यह वही हथियार है जो Golden Dome प्रोजेक्ट का सबसे खतरनाक और निर्णायक हिस्सा माना जा रहा है. एक ऐसा सिस्टम जो अंतरिक्ष से ही दुश्मन की मिसाइलों को लॉन्च के कुछ सेकंड में तबाह कर देगा. यह प्रोजेक्ट डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान शुरू हुआ था, जिसका लक्ष्य है अमेरिका को अभेद्य मिसाइल डिफेंस कवच देना – धरती से लेकर अंतरिक्ष तक.
लॉकहीड मार्टिन के सीईओ जिम टैकलेट ने अपने एक बयान में कहा, “हम 2028 तक वास्तविक ऑन-ऑर्बिट इंटरसेप्टर टेस्ट करने जा रहे हैं – यह कोई लैब एक्सपेरिमेंट नहीं, बल्कि असली युद्ध-तैयार सिस्टम होगा.” उन्होंने बताया कि कंपनी अब पूरी तरह ऑपरेशनल प्रोटोटाइप्स बना रही है – ऐसी मशीनें जो “टेस्ट स्टैंड पर नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में उड़ेंगी, मिसाइल को हिट करेंगी और उत्पादन के लिए तैयार होंगी.” अगर लॉकहीड मार्टिन का यह प्रोजेक्टकामयाब हो गया, तो फिर एस-400 और आयरन डोम जैसे एयर डिफेंस की जरूरत ही नहीं रह जाएगी.
‘द वॉर ज़ोन’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, लॉकहीड मार्टिन ने अपने वर्जीनिया स्थित Center for Innovation में Golden Dome की कमांड एंड कंट्रोल (C2) प्रणाली का प्रोटोटाइप वातावरण तैयार किया है. यह ओपन आर्किटेक्चर सिस्टम समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक की रक्षा क्षमताओं को एकजुट कर रहा है. कंपनी ने बताया कि इस मिशन में कई इंडस्ट्री पार्टनर्स भी जुड़ चुके हैं ताकि अमेरिका को हर मोर्चे पर ‘सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी बढ़त’ मिले.
हालांकि, पेंटागन पूरी परियोजना पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार Golden Dome ऐसा ऑल-डोमेन डिफेंस सिस्टम बनेगा जो आने वाले दशकों तक अमेरिका की अंतरिक्षीय सैन्य ताकत का केंद्र होगा. लॉकहीड मार्टिन का यह मिशन सिर्फ एक परीक्षण नहीं – बल्कि यह संकेत है कि स्पेस अब जंग का नया मैदान बन चुका है. 2028 में जब Golden Dome का इंटरसेप्टर अंतरिक्ष में सक्रिय होगा, तो पूरी दुनिया उसकी रेंज में होगी.
अब तक जो जानकारी सार्वजनिक की गई है, उसके अनुसार पेंटागन और व्हाइट हाउस दोनों ने साफ़ कर दिया है कि Golden Dome प्रोजेक्ट का केंद्रबिंदु अंतरिक्ष में तैनात मिसाइल इंटरसेप्टर होंगे. इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि दुश्मन की मिसाइल को अमेरिकी सीमाओं से बहुत दूर ही नष्ट किया जाए, ताकि किसी भी खतरे को देश के भूभाग के करीब आने से पहले ही खत्म किया जा सके.
अमेरिकी रक्षा रणनीतिकारों के मुताबिक, बैलिस्टिक मिसाइलें और हाइपरसोनिक हथियार – जिनमें रॉकेट बूस्टर का इस्तेमाल होता है – सबसे ज्यादा कमजोर अपने शुरुआती ‘बूस्ट फेज़’ में होते हैं, यानी लॉन्च के ठीक बाद. अमेरिकी स्पेस फोर्स के प्रमुख जनरल चांस साल्ट्ज़मैन ने मार्च में Defense One को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “हम सिर्फ स्पेस-बेस्ड इंटरसेप्टर नहीं चाहते – हम चाहते हैं कि वे मिसाइल को उसी ‘बूस्ट फेज़’ में मार गिराएं. हम चाहते हैं कि ये हमला हमारे देश से जितना दूर हो सके, वहीं असर दिखाए. इसलिए उन्हें बेहद तेज़ और सटीक होना होगा.”
हालांकि, Golden Dome योजना केवल बूस्ट फेज़ में इंटरसेप्शन तक सीमित नहीं है. यह सिस्टम मिड-कोर्स फेज़ (जब मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर अंतरिक्ष में होती है) में भी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों को ट्रैक और ध्वस्त करने में सक्षम रहेगा. अमेरिका अब ऐसा स्पेस डिफेंस नेटवर्क बना रहा है जो दुश्मन की मिसाइल को उसके लॉन्च होते ही आसमान में खत्म कर दे – ताकि जंग की आग कभी अमेरिकी ज़मीन तक न पहुंच सके.


