महिला IAS अधिकारी के ड्राइवर का बेटा बना डिप्टी कलेक्टर, पिता ने कर्ज लेकर दिलाई पढ़ाई

खंडवा 

 यह कहानी है मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के रहने वाले ऋतिक सोलंकी (Hrithik Solanki) की. उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से मिसाल कायम की है. ऋतिक सोलंकी के पिता रूपसिंह सोलंकी आईएएस अफसर सृष्टि जयंत देशमुख के ड्राइवर हैं. आपने बड़े अधिकारियों के बच्चों को सफलता का शिखर छूते हुए तो अक्सर देखा होगा, लेकिन ऋतिक की सफलता ने साबित कर दिया कि लगन और दृढ़ संकल्प से गरीबी की रेखा को पार किया जा सकता है.

ऋतिक सोलंकी की उपलब्धि सिर्फ उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा है, जिनके पास सीमित संसाधन हैं. ऋतिक सोलंकी ने हाल ही में घोषित मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) परीक्षा के नतीजों में सफलता हासिल की है. यह सफलता उन्हें विरासत में नहीं मिली है, बल्कि उनके पिता की ईमानदार मेहनत और मां के सहयोग से मिली है. अपने पिता को आईएएस सृष्टि देशमुख के यहां काम करते देखकर ऋतिक ने भी सिविल सेवा में जाने का सपना देखा और उसे पूरा किया.

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 आईएएस सृष्टि देशमुख के ड्राइवर हैं ऋतिक के पिता

ऋतिक सोलंकी के पिता रूपसिंह सोलंकी वर्तमान में आईएएस सृष्टि देशमुख के ड्राइवर के पद पर तैनात हैं. आईएएस सृष्टि देशमुख देश की सबसे चर्चित महिला अफसरों की लिस्ट में शामिल है. इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं. सृष्टि देशमुख ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 में ऑल इंडिया रैंक 5 हासिल की थी. उन्होंने महिला वर्ग में टॉप किया था. आईएएस सृष्टि देशमुख वर्तमान में नरसिंहपुर जिले (मध्य प्रदेश) में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (ADM) के पद पर कार्यरत हैं.

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चर्चा में हैं मध्य प्रदेश के ऋतिक सोलंकी

ऋतिक सोलंकी ने MPPSC 2023 की परीक्षा में सफलता हासिल की है. इस परीक्षा के माध्यम से उनका चयन सरकारी अधिकारी के पद पर हुआ है, जिससे उनका सिविल सेवा का सपना पूरा हो गया है. ऋतिक ने सिर्फ मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग 2023 की परीक्षा में ही सफलता हासिल नहीं की है. वह इससे पहले 2022 में हुई एमपीपीएससी परीक्षा में भी सफल हो चुके हैं. तब उन्हें एटीओ यानी ट्रेजरी ऑफिसर के पद पर नियुक्ति मिली थी. फिलहाल वे अलीराजपुर में पोस्टेड हैं.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं ऋतिक सोलंकी

ऋतिक सोलंकी के पिता रूपसिंह ने बताया कि उन्होंने बेटे को अफसर बनाने के लिए कई त्याग किए. उन्होंने अपनी और पत्नी की जरूरतों को पीछे रखकर घरखर्च में कटौती की. कई सुविधाओं से भी समझौता किया. बेटे को दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाने और यूपीएससी की कोचिंग जॉइन करवाने के लिए उन्होंने अपनी जीपीएस मशीन बेच दी थी. ऋतिक सोलंकी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं. उनके बड़े भाई राहुल भी मप्र वन सेवा परीक्षा में पास होकर महाराष्ट्र की चंद्रपुर फॉरेस्ट अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.

 

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