भोपाल
राजधानी के 5 लाख 63 हजार 659 खाताधारकों ने करीब 10 साल अपने बैंक खातों में कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया है। लेनदेन नहीं होने की वजह से निष्क्रिय पड़े इन खातों में करीब 230 करोड़ रुपए पड़े हैं। यदि आपका या आपके परिवार का पैसा पिछले दस साल से बैंक में जमा है और उसमें कोई लेनदेन नहीं किया है तो ऐसे पैसे खाते से निकाले जा सकते हैं। इसके लिए अब वित्तीय संस्थान ही आगे आ रहे हैं। जगह-जगह कैंप लगाकर लाभार्थियों को पैसा निकालने की सलाह दी जा रही है। रिजर्व बैंक ने ऐसे पैसे वापस करने के लिए 31 दिसंबर 2025 तक का समय दिया है। इसमें बैंक, बीमा कंपनी सहित अन्य वित्तीय संस्थान शामिल है।
कैसे मिलेगी राशि
बैंकर्स का कहना है कि इस प्रकार की राशि को प्राप्त करने के लिए बैंक में आवेदन देना होगा साथ ही खाते का केवायसी (खाताधारक का आधार, पेन नंबर) आदि देना होगा। यदि खाताधारक नहीं है और नामिनी बनाया है तो राशि नामिनी को मिलेगी अन्यथा विधिक वारिस को मिलेगी। ये पैसा जमाकर्ता एवं उतराधिकारियों की वैद्य संपत्ति है।
सरकारी बैंकों में 20 करोड़, 210 करोड़ रुपए प्राइवेट बैंकों में जमा
2518 करोड़ रुपए जमा हैं मप्र के निष्क्रिय खातों में
लेनदेन बंद... डीईए फंड में जाती है राशि बैंक अधिकारियों के मुताबिक सेविंग, रैकरिंग, करंट या इंश्योरेंस समेत किसी भी खाते में 10 साल तक लेनदेन नहीं होने पर खाता निष्क्रिय हो जाता है। इसके बाद जमा राशि आरबीआई के डीईए (डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस) फंड में ट्रांसफर होती है। इसके ब्याज से आरबीआई जागरूकता और शिक्षा कार्यक्रम चलाता है।
देश में 67,000 करोड़ अनक्लेम्ड पड़े
देश के लाखों लोगों की करीब 67,000 करोड़ रुपये की रकम (जून 2025 तक) बैंकों में लावारिस पड़ी है. यह वही धन है जिसे लोग पुराने खातों में छोड़कर भूल गए, या फिर उनके परिवार के सदस्यों को इन खातों की जानकारी ही नहीं मिली. कई मामलों में नॉमिनी जानकारी के अभाव, दस्तावेजों के गुम होने या जागरूकता की कमी के कारण परिवार इस जमा रकम को वर्षों तक क्लेम नहीं कर पाते.
अनक्लेम्ड राशि बढ़ने की असली वजह
भारतीय परिवारों में वित्तीय संवाद की कमी सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है. लोग निवेश करते तो हैं, लेकिन उसके बारे में परिवार को बताते नहीं. ऐसे में निवेशक की अनुपस्थिति या जानकारी के अभाव में धन वर्षों तक निष्क्रिय पड़ा रह जाता है.
RBI की बड़ी पहल – पूरे देश में विशेष सहायता कैंप
रिज़र्व बैंक ने 31 दिसंबर 2025 तक देशभर में विशेष सहायता कैंप शुरू किए हैं. इनका उद्देश्य है जनता तक भूला हुआ पैसा पहुंचाना, क्लेम प्रक्रिया आसान बनाना, वित्तीय जागरूकता बढ़ाना. कैंप में ग्राहकों को फ़ॉर्म भरने, दस्तावेज़ सत्यापन, नॉमिनी अपडेट और फॉलो-अप में सहायता दी जा रही है ताकि लोग आसानी से अपना पैसा वापस पा सकें.
निष्क्रिय खाता क्या होता है?
बचत या करंट अकाउंट में यदि दो साल तक कोई लेन-देन नहीं होता, तो वह निष्क्रिय (Inactive) मान लिया जाता है. पैसे सुरक्षित रहते हैं, लेकिन कई सेवाएं बंद हो जाती हैं. अगर 10 साल तक खाते में कोई गतिविधि न हो, तो उसमें मौजूद राशि ब्याज सहित RBI के DEA Fund में ट्रांसफर हो जाती है. अच्छी खबर यह है कि, ग्राहक या कानूनी वारिस कभी भी अपना पैसा क्लेम कर सकते हैं. कोई समयसीमा नहीं है.
उद्गम पोर्टल से खातों की खोज
उद्गम पोर्टल से कई बैंकों के खातों की खोज की सुविधा दी जा रही है। इससे प्रत्येक बैंक के दावे या निपटान प्रक्रिया की जानकारी मिलती है। हालांकि जमा राशि का दावा केवल संबंधित बैंक से ही किया जा सकता है।
पैसे वापस कैसे पाएं?
अपने बैंक की किसी भी शाखा में जाएं
KYC दस्तावेज (आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि) दें
क्लेम फॉर्म भरें
नॉमिनी/कानूनी वारिस से जुड़े प्रमाण प्रस्तुत करें
राशि (ब्याज सहित, जहाँ लागू हो) प्राप्त करें
अनक्लेम्ड जमा ढूंढने के लिए RBI का UDGAM पोर्टल
वेबसाइट पर जाएं: udgam.rbi.org.in
मोबाइल नंबर या आधार से रजिस्टर करें
नाम, जन्मतिथि, मोबाइल आदि विवरण भरें
पोर्टल आपके नाम से जुड़े निष्क्रिय खाते या FDs की जानकारी दिखाएगा
बैंक का नाम और UDRN नंबर भी दिखाई देगा
अब तक 30 बैंक इस पोर्टल से जुड़े हैं, जो कुल अनक्लेम्ड जमाओं का लगभग 90% कवर करते हैं.
बैंकों को मिलेगा इनाम — RBI की नई योजना
1 अक्टूबर 2025 से लागू नई योजना के तहत—
4 साल निष्क्रिय खाते वापस दिलाने पर बैंक को 5% या 5,000 रु (जो कम हो)
10 साल निष्क्रिय खाते के भुगतान पर 7.5% या 25,000 रु (जो कम हो)
RBI हर तिमाही दावों की जांच कर 30 दिनों में इनाम जारी करेगा.
इसका उद्देश्य है—
बैंकों को पुराने निष्क्रिय खातों के निपटान के लिए प्रोत्साहित करना
भविष्य में अनक्लेम्ड जमा की संख्या कम करना
भविष्य में ऐसी परेशानी से बचने के उपाय
अपने सभी बैंक खाते, PPF, बीमा, म्यूचुअल फंड आदि की सूची बनाकर रखें
परिवार के सदस्यों को इसके बारे में जानकारी दें
हर खाते में नॉमिनी अपडेट करें
दस्तावेज सुरक्षित रखें
समय-समय पर खातों में लेन-देन करते रहें


