नई दिल्ली
WhatsApp ने रिपोर्ट किया है कि दुनिया भर (दो दर्जन देशों) के यूजर्स के अकाउंट्स को एक इजरायली स्पाइवेयर कंपनी, Paragon Solutions द्वारा निशाना बनाया गया है। Meta अधिकारियों ने खुलासा किया कि यह नया हमला पहले की उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें इजरायली स्पाइवेयर कंपनियों द्वारा इसी तरह के हैकिंग घटनाओं का उल्लेख किया गया था। Meta ने Paragon Solutions को एक "सीज़ एंड डेसिस्ट" (काम रोकने का कानूनी नोटिस) पत्र भी जारी किया है, जिसमें उनकी गतिविधियों को तुरंत बंद करने की मांग की गई है।
अपने बयान में, Meta अधिकारियों ने यूजर्स को आश्वस्त किया कि वे उनके अकाउंट्स की गोपनीयता की रक्षा करने और प्लेटफॉर्म पर संचार को सुरक्षित बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इन हमलों के बावजूद, Meta ने जोर देकर कहा है कि वह यह सुनिश्चित करने के अपने प्रयास जारी रखेगा कि यूजर्स बाहरी हस्तक्षेप के बिना निजी रूप से कॉन्टैक्ट कर सकें।
90 अकाउंट्स पर पड़ा असर
इस हमले से लगभग 90 यूजर्स प्रभावित हुए हैं, जो मुख्य रूप से पत्रकार और नागरिक समाज के सदस्य हैं। हालांकि, Meta ने अभी तक उन यूजर्स के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी साझा नहीं की है, जिनको निशाना बनाया गया था। WhatsApp के अनुसार, स्पाइवेयर को इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ों के रूप में भेजा गया था, जिनमें मैलिशियस सॉफ़्टवेयर मौजूद था। यह प्रक्रिया बिना किसी प्रत्यक्ष इंटरैक्शन के पूरी की गई, यानी हैकर्स और टारगेट्स के बीच कोई सीधा संपर्क नहीं हुआ।
इस हमले के अधिकांश पीड़ित यूरोप में स्थित हैं, लेकिन प्रभावित देशों की सटीक लिस्ट का खुलासा नहीं किया गया है। Meta का दावा है कि वह इस हमले को बीच में ही रोकने में सक्षम रहा, हालांकि कंपनी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उसने Paragon को इस हैकिंग प्रयास के स्रोत के रूप में कैसे पहचाना।
पत्रकारों को बनाया गया निशाना
फिलहाल, Paragon Solutions ने इन दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कनाडा स्थित इंटरनेट निगरानी समूह Citizen Labs के अनुसार, Paragon सरकारों को उन्नत निगरानी सॉफ़्टवेयर बेचने के लिए जाना जाता है, जिसका उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा और अपराध रोकथाम के लिए किया जाता है। हालांकि, इन उपकरणों का उपयोग पत्रकारों और नागरिक समाज के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए किया जाना गंभीर चिंताओं को जन्म देता है।
यह हालिया घटना एक अन्य विवादास्पद इजरायली स्पाइवेयर कंपनी Pegasus के उपयोग के बाद सामने आई है, जिसने अतीत में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के WhatsApp अकाउंट्स की हैकिंग को लेकर सुर्खियां बटोरी थीं। यह मुद्दा इस बात को रेखांकित करता है कि स्पाइवेयर उपकरणों की बिक्री और उनके उपयोग को लेकर नैतिक चिंताएं बनी हुई हैं, विशेष रूप से जब इनका उपयोग मीडिया और नागरिक समाज के सदस्यों की गोपनीयता भंग करने के लिए किया जाता है।