एटीएस की गिरफ्त में आए तीनों बांग्लादेशी भाइयों से जब्त किए गए पासपोर्ट फर्जी

रायपुर

 

एटीएस की गिरफ्त में आए तीनों बांग्लादेशी भाइयों से जब्त किए गए पासपोर्ट फर्जी दस्तावेज के जरिए बनवाने का राजफाश होने से सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं, क्योंकि पासपोर्ट बनवाने के लिए कई प्रक्रियाओं के दौर से गुजरने के साथ ही संबंधित पुलिस थाने का वेरीफिकेशन होना अनिवार्य है।

इन तीनों का भी पुलिस वेरीफिकेशन टिकरापारा पुलिस थाने से हुआ था, लेकिन उस समय पुलिस यह फर्जीवाड़ा पकड़ नहीं पाई। बांग्लादेशियों का रायपुर के अलग-अलग मोहल्लों में सालों से रहना और आसानी से फर्जी दस्तावेज बनवाकर दुबई, इराक, सीरिया और पाकिस्तान चले जाना राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है।

सीरिया में रह रहा है युवक
पिछले साल मुंबई एटीएस ने टिकरापारा क्षेत्र के संजय नगर में छापा मारकर हज यात्रा पर गए बांग्लादेशी युवक के बारे में जानकारी ली थी। वह युवक अब तक यहां वापस नहीं लौटा। बताया जा रहा है कि वह सीरिया में रह रहा है।

एटीएस के अधिकारियों ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को पत्र लिखकर बांग्लादेशी भाइयों के पासपोर्ट की पूरी जानकारी मांगी है। दरअसल एटीएस के पास पुख्ता जानकारी है कि कई बांग्लादेशी घुसपैठिए रायपुर के अलग-अलग मोहल्ले में अवैध तरीके से रह रहे हैं।

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पहचान करने में परेशानी आ रही है
उन्होंने अपनी नई पहचान बनाने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, पेन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज फर्जी तरीके से बनवा लिए हैं। इसी फर्जी दस्तावेज के जरिए पासपोर्ट बनवा लिया, इसलिए घुसपैठियों की पहचान करने में परेशानी आ रही है। पूछताछ में बांग्लादेशी इस्माइल शेख ने खुद को रायपुर में ही जन्म लेने का दावा किया है।

कोर्ट ने भेजा जेल
पहले तीन दिन, फिर दो दिन का पुलिस रिमांड शनिवार को खत्म होने पर तीनों बांग्लादेशी शेख इस्माइल, शेख अकबर और शेख साजन को एटीएस ने कोर्ट में पेश किया। न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद तीनों सगे भाइयों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया। एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर फिर से आरोपितों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन पेश किया जाएगा।

दूसरी पत्नी भी गायब
शेख अली के साथ ही उसकी दूसरी पत्नी भी गायब है। हालांकि शेख की पहली पत्नी शेख फरीदा दूसरी पत्नी के बारे में कुछ भी जानने से इन्कार किया है। पुलिस को संदेह है कि शेख अली उसे साथ लेकर फरार हुआ है।

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शेख अली के कई रिश्तेदार नागपुर, मुंबई, उत्तर प्रदेश, हावड़ा (कोलकाता) में रहते हैं। लिहाजा एटीएस वहां के पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर शेख अली को तलाशने में सहयोग ले रही है।

25 से अधिक लोगों का दर्ज किया बयान
एटीएस की टीम ने इस मामले में फर्जी आधार कार्ड, वोटर आइडी, पेन कार्ड, राशन कार्ड, शपथ पत्र, पासपोर्ट आदि बनाने वाले 25 से अधिक लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं। इनमें अधिवक्ता, नोटरी, च्वाइस सेंटर, सुविधा केंद्र के संचालक शामिल हैं।

फर्जी दस्तावेज बनाने में मुख्य भूमिका शेख अली की है। अली ने ही सत्कार कंप्यूटर के संचालक मो. आरिफ से मिलकर आरोपितों के लिए शंकर नगर स्थित हरिशंकर स्कूल की फर्जी अंकसूची स्केन करके बनवाई थी।

गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश

एटीएस के पास इस बात के पुख्ता सुबूत हैं कि शेख अली के गिरोह में शामिल मो.आरिफ ने तीनों बांग्लादेशी भाइयों का फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी बनाया था। वहीं ट्रेवल एजेंट इरफान ने पासपोर्ट और इराक जाने के लिए वीजा बनवाया।

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इन लोगों ने कई बांग्लादेशियों का इसी तरह से फर्जी दस्तावेज बनाया है और वे सभी इराक चले गए हैं। शेख अली के साथ इरफान, मो. आरिफ फरार हैं। गिरोह में शामिल सभी की पतासाजी की जा रही है।

चोरी-छिपे बांग्लादेश से मिलने आते थे स्वजन

जांच में साफ हुआ है कि बांग्लादेशी भाइयों के दादा का देश विभाजन के पूर्व मुर्शिदाबा में कृषि भूमि थी। विभाजन के बाद इस्माइल के दादा पश्चिमी पाकिस्तान (बांग्लादेश) चले गए। इस्माइल के पिता शमशुद्दीन, मां रशीदा, भाई अजगर, बहन सुरैया, इस्माइल की पत्नी यास्मीन और दो बेटियां बांग्लादेश के खुलना प्रांत के जिला जैसोर के नाभरन में रहते हैं। वे इनसे मिलने चोरी-छिपे रायपुर व नागपुर आते थे।

फर्जी निकला वोटर आईडी का पता

शेख अकबर से जब्त 21 अक्टूबर, 2018 को जारी वोटर आईडी में मकान नंबर 193, लक्ष्मीनगर, लालपुर(टिकरापारा) का पता दर्ज है। जांच में मकान नंबर ही फर्जी निकला।

 

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